Himachalnow / नाहन
कुष्ठ रोग के प्रति सामाजिक भेदभाव मिटाने का संदेश
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग नाहन द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी नाहन, डॉ. अजय पाठक की अध्यक्षता में आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में विश्व कुष्ठ रोग दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुष्ठ रोग से जुड़ी जागरूकता और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया गया।
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कुष्ठ रोग दिवस का महत्व
डॉ. अजय पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करना है।
कुष्ठ रोग के लक्षण और बचाव
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग दीर्घकालिक संक्रमण है, जो मुख्य रूप से त्वचा, आंखों, नाक और परिधीय तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
- त्वचा पर सफेद दाग
- हाथ-पैर में सुन्नता
- मांसपेशियों में कमजोरी
- नजर कमजोर होना या अंधापन
- सूजे हुए लिम्फ नोड
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का समय पर इलाज संभव है। यदि इसका समय रहते इलाज शुरू किया जाए, तो विकलांगता से बचा जा सकता है।
समाज में भेदभाव रोकने का आह्वान
इस अवसर पर कर्मचारियों को कुष्ठ दिवस पर शपथ दिलाई गई। इस दौरान संदेश दिया गया कि हमें रोग से लड़ना है, रोगी से नहीं। यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग के लक्षणों के साथ मिलता है, तो उसकी पूरी तरह मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि रोगी के साथ बैठने, खाने, घूमने-फिरने से कुष्ठ रोग नहीं फैलता, इसलिए किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। इस रोग से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने की जरूरत है।
महात्मा गांधी का सपना : कुष्ठ मुक्त भारत
महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर कुष्ठ मुक्त भारत के संकल्प को दोहराया गया। इस अवसर पर कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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