एचपी शिवा प्रोजेक्ट मजबूत करेगा जिले के किसानों की आर्थिकी
हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन
नाहनजिला सिरमौर में सबट्रॉपिकल फ्रूट में अमरूद की खेती को लेकर एचपी शिवा प्रोजेक्ट एक नई फ्रूट क्रांति की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। एक और जहां ऊपरी हिमाचल में सेब प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, वहीं आने वाले कुछ समय में जिला सिरमौर बेहतर किस्म के अमरूदों की खेती के लिए भी अपनी पहचाना जाएगा।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
इस पहल के तहत जिला सिरमौर की 2,400 बीघा जमीन में अमरूद की खेती का लक्ष्य रखा गया है। योजना के प्रथम चरण में ही 28 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद के बगीचे तैयार कर दिए गए हैं। अमरूद के बगीचों के लिए एडीबी बैंक की ओर से की जाने वाली फंडिंग से इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है।
हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा इस योजना के लिए जिला में 17 क्लस्टर बनाए गए हैं जिसमें फिलहाल नाहन और पांवटा साहिब के किसानों को शामिल किया गया है।इस योजना के तहत नाहन के डूंगी सैर की 3.78 हेक्टेयर, जमटा महीपुर रोड़ क्षेत्र के जुड़ग में 5 हैक्टेयर, सिंबलवाड़ा में 8.10 हैक्टेयर, नाहन के बुडड़ियों में 4 हैक्टेयर और खैरी चांगण में 7 हैक्टेयर जमीन पर अमरूद के बगीचे तैयार कर दिए गए हैं।
हॉर्टिकल्चर विभाग की ओर से किसानों को लगातार अमरूद की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि पांवटा साहिब इलाके के किसान फिलहाल इस योजना में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
इसकी बड़ी वजह है कि यहां के किसान गेहूं और धान की फसल को उगाने में ही ज्यादा रुचि रखते हैं। हालांकि, विभाग के विषय विशेषज्ञ किसानों को अमरूद के बगीचे के साथ-साथ अन्य कैश क्रॉप को लेकर भी अवगत करवा रहे हैं।
मार्केटिंग के लिए नहीं खाने पड़ेंगे धक्केइस योजना के तहत किसानों को अमरूद की मार्केटिंग के लिए भी धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। सरकार की योजना के तहत बेनिफिशियरी की प्रोड्यूस को बगीचे से ही एमएसपी रेट पर उठाया जाएगा।
यही नहीं ग्रेडिंग के बाद जो वेस्टेज होगी, इसे हिमकू की प्रोसेसिंग यूनिट में जूस के लिए भेजा जाएगा। इस यूनिट को सिरमौर के धौलाकुआं में बनाने कार्य बड़े स्तर पर चला हुआ है। इस समय अमरूद की जबदस्त डिमांडबता दें कि अमरूद की भारतीय बाजार में जबरदस्त डिमांड बड़ी है।
इसकी बड़ी वजह ये भी है कि अमरूद में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। इसमें विटामिन ए और सी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट जैसे त्वचा प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ साथ आयरन और फोलिक एसिड एनीमिया से भी राहत दिलाते हैं। लिहाजा, स्वास्थ्य की दृष्टि से इस फल को श्रेष्ठ माना गया गया।
सिरमौर में बगीचों का कार्य जोरों परउधर, हॉर्टिकल्चर विभाग के विषय विशेषज्ञ राजीव टेगटा ने बताया कि आने वाले सितंबर-अक्टूबर में सिरमौर जिला में 28 हैक्टेयर जमीन पर अमरूद का बगीचा लगाने की तैयारी कर दी गई है।
जबकि, 27 हैक्टेयर जमीन पर बगीचे तैयार हो चुके हैं। इस योजना के तहत जिला सरमौर में 200 हैक्टेयर जमीन पर अमरूद के बगीचे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में श्वेता और हिसार सफेदा किस्मों के अमरूद के बगीचे लगाए जा रहे हैं। इसी साल हिसार सफेदा की किस्म को इंट्रोड्यूज किया गया है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group