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ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में हिमाचल प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल

हिमांचलनाउ डेस्क नाहन | 5 फ़रवरी 2025 at 7:09 pm

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Himachalnow / सोलन

मुख्यमंत्री ने नालागढ़ में रखी उत्तर भारत के पहले ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला

हिमाचल में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की नई शुरुआत

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सोलन जिले के नालागढ़ तहसील के दभोटा में उत्तर भारत के पहले एक मेगावाट क्षमता वाले ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPPCL) और ऑयल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में विकसित किया जा रहा है। परियोजना की अनुमानित लागत 9.04 करोड़ रुपये है और मुख्यमंत्री ने इसे एक वर्ष के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

2026 तक हिमाचल बनेगा हरित ऊर्जा राज्य

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को मार्च 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि दभोटा में बनने वाला यह हरित ऊर्जा संयंत्र प्रदेश की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल हिमाचल को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल 2023 को ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) हस्ताक्षरित किया था, जिसके तहत सौर ऊर्जा, जियोथर्मल ऊर्जा और कम्प्रेस्ड बायो गैस के विकास पर कार्य किया जाएगा।

संयंत्र के लिए विशेष भूमि चयन और तकनीकी विशेषताएं

ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र के लिए विस्तृत आकलन के बाद दभोटा में 4000 वर्ग मीटर भूमि का चयन किया गया है। यह परियोजना सरकार की स्थायी ऊर्जा समाधान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। संयंत्र में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में क्षारीय पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड घोल का उपयोग किया जाएगा और इलेक्ट्रोलाइसिस प्रक्रिया के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।

इस तकनीक से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता और उपयोग

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह संयंत्र प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। प्रत्येक किलोग्राम हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 13 लीटर पानी की आवश्यकता होगी, जिसे ट्यूबवेल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके अलावा, प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन उत्पादन के लिए 52.01 यूनिट बिजली की खपत होगी। संयंत्र द्वारा वार्षिक 1,54,395 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की संभावना है, जो स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम है।

सौर ऊर्जा लक्ष्य की ओर बढ़ रहा प्रदेश

प्रदेश सरकार 500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को भी हासिल करने की दिशा में काम कर रही है। यह पहल हिमाचल को स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।

समारोह में कई गणमान्य हुए शामिल

इस अवसर पर विधायक हरदीप सिंह बावा, राम कुमार चौधरी, संजय अवस्थी और विनोद सुल्तानपुरी, HPSIDC के उपाध्यक्ष विशाल चम्बयाल, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, निदेशक (कार्मिक एवं वित्त) शिवम प्रताप सिंह, इंडियन ऑयल लिमिटेड के सीएमडी डॉ. रंजीत रथ, उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक बद्दी विनोद धीमान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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