पांवटा साहिब में एबीवीपी इकाई ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार, छात्र संघ चुनाव बहाली, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रभावी क्रियान्वयन और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों पर 24 घंटे की भूख हड़ताल कर सरकार पर दबाव बनाया।
पांवटा साहिब
भूख हड़ताल से उठी छात्रों की आवाज़
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पांवटा इकाई ने प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए 30 जुलाई दोपहर से 31 जुलाई तक भूख हड़ताल की। यह आंदोलन राजकीय महाविद्यालय परिसर में शांतिपूर्ण ढंग से हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए।
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छात्र हितों के लिए प्रमुख मांगें
एबीवीपी ने छात्र संघ चुनाव तुरंत बहाल करने, NEP 2020 को लागू करने, शिक्षण संस्थानों को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखने और उनकी आधारभूत संरचना को मजबूत करने की मांग उठाई। परिषद ने मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, नशा कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने और सरकारी विभागों में खाली पदों को शीघ्र भरने पर जोर दिया।
जॉब ट्रेनिंग पॉलिसी वापस लेने और आपदा पीड़ितों के लिए मदद
एबीवीपी ने छात्र विरोधी “जॉब ट्रेनिंग पॉलिसी” को वापस लेने और हालिया आपदाओं से प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की। परिषद ने चेतावनी दी कि यदि इन मुद्दों पर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्यव्यापी बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
जिला संयोजक वंश भंडारी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मनीष समटा और सह सचिव अनिकेत भंडारी ने भूख हड़ताल का नेतृत्व किया। नेताओं ने कहा कि एबीवीपी छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है।
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