सुक्खू सरकार की सिरमौर औद्योगिक क्षेत्र में होगी यह बड़ी उपलब्धि….
HNN/नाहन
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में उद्योग लगाने वाले इंवेस्टर्स के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। प्रदेश सरकार का इंडस्ट्री डिपार्मेंट सिरमौर में 3 हजार 76 बीघा लैंड बैंक बनाने की तैयारी लगभग मुकम्मल कर चुका है। अब यदि यह लैंड बैंक जुटा लिया जाता है तो न केवल पांवटा साहिब और काला अंब बल्कि अब पच्छाद, शिलाई सहित रेणुका जी में भी विधानसभा क्षेत्र में भी उद्योग लगाने की राहें आसान हो जाएगी।
बड़ी बात तो यह है कि वर्ष 1989 यानी 33 वर्षों तक किसी भी सरकार ने सिरमौर में औद्योगिक क्षेत्र के लिए लैंड बैंक जुटाने की कोशिश तक नहीं की है। यहां यह भी बता दें कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ऐसी विधानसभा को भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए चुना है जहां केवल उद्योग स्थापित करने को लेकर केवल सब्ज बाग ही दिखाए गए थे।
बावजूद इसके उद्योग मंत्री ने पच्छाद के गिन्नी घाट क्षेत्र में 800 बीघा जमीन की तलाश भी कर ली गई है। वही नाहन के अंधेरी में 459 बीघा तीन बिस्वा निजी लैंड तलाशी जा रही है। जबकि 271 बिघा 4 बिस्वा सरकारी जमीन की तलाश कर ली गई है। यहां कुछ फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर दिक्कतें आ सकती है मगर उसके लिए भी विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसी विधानसभा क्षेत्र के जोहड़ों में उद्योगपतियों की तमाम सुविधाओं के मध्य नजर 643 बीघा 7 बिस्वा चिन्हित की गई है।
बता दें कि जिला में कितने हैं उद्योग
जिला सिरमौर में मौजूद समय में करीब 1200 के लगभग औद्योगिक ईकाइयां है। औद्योगिक ईकाइ पांवटा साहिब में उद्योग विभाग के पहले से 127 प्लॉट्स जबकि नाहन में 67 प्लॉट्स हैं। अभी तक उद्योग विभाग के पास 600 बीघा पांवटा साहिब और 100 बीघा कला अंब में जमीन थी। जिसमें औद्योगिक ईकाइयां चल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पांवटा साहिब के अंबोया में करीब 235 बीघा सरकारी जमीन जो की एचपीपीसीएल की है वह भी उद्योग विभाग के लैंड बैंक में शामिल हो जाएगी। नाहन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ओगली में सरकारी 389 बीघा तीन बिस्वा जमीन उद्योग विभाग के लैंड बैंक में शामिल हो सकती है।
इसी प्रकार शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील करों गांव गबार में 149 बीघा 6 बिस्वा, सतौन के पेदवा में 100 बीघा जमीन लैंड बैंक में शामिल की जा सकती है। और इससे भी बड़ी बात तो यह है कि पहली बार श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के ददाहू डंडौर में सरकारी 128 बीघा 17 बिस्वा जमीन उद्योग विभाग अपने लैंड बैंक में शामिल कर सकता है।
अब आपको बता दें कि इस बार बड़ी फूल प्रूफ योजना जिला सिरमौर के डीसी ने उद्योग विभाग के सबसे काबिल माने जाने वाले महाप्रबंधक साक्षी सती तथा मेंबर सेक्रेटरी रचित शर्मा के साथ बैठकर विस्तृत योजना बनाई है। जिसमें वन विभाग और रेवेन्यू विभाग को भी शामिल किया गया था।
माना जा सकता है कि जितना बड़ा लैंड बैंक करीब 33 सालों के बाद जिला से ताल्लुक रखने वाले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसकी रूपरेखा तैयार की है संभवत इससे बड़ा लैंड बैंक प्रदेश में इस दौरान नहीं बन पाया था। हालांकि करोड़ों रुपए की इंवेस्टर मीट पूर्व में रही भाजपा सरकार के द्वारा करवाई गई थी। मगर उसे इन्वेस्टर मीट में कहीं भी उद्योग विभाग के लैंड बैंक को कैसे संचित किया जाए, उसको लेकर कोई योजना नजर नहीं आई थी।
और इससे भी अच्छी बात तो यह होगी कि अगर उद्योग विभाग इस पूरे लैंड बैंक को शामिल करने में कामयाब हो गया तो इन्वेस्टर को यहां 118 की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। उद्योग विभाग तमाम औपचारिकताओं को भी पूरी करवा कर देगा। असल में उद्योग विभाग अपनी जमीन में उद्योग लगवाने के लिए जमीन को लीज पर देता है। बता दें कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार उद्योगों को रियायतें देने की कवायत भी शुरू कर चुकी है। साथ ही बढ़ाई गई बिजली की दरों में भी कमी करने को लेकर तैयारी कर चुकी है।
जाहिर है प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अपने 9 महीने के कार्यकाल में बगैर केंद्र की सहायता के इंवेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए फूल प्रूफ प्लान तैयार किया है। उधर, जिला सिरमौर उद्योग विभाग महा प्रबंधक साक्षी सती ने बताया कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिले दिशा निर्देशों के बाद उपयुक्त जिला सिरमौर ने लैंड बैंक को बनाए जाने को लेकर जो रूपरेखा तैयार की है उसे बहुत जल्द अमली जामा पहना दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस लैंड बैंक को जुटाए जाने को लेकर लगभग औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। विभाग के इस लैंड बैंक में अधिकतर सरकारी जमीनों को ही शामिल किया गया है। जिनमें कुछ जगह एफसीए की परमिशन लेनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान पांवटा साहिब और कला आम औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ श्री रेणुका जी तथा शिलाई विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अन्य उद्योगों के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाए जाने को लेकर के प्राथमिकताएं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में उद्योग लगाने वाले स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा।