HNN/ नाहन
नाहन की पालियों पंचायत में हुई 19 वर्षीय युवती की ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का सिरमौर पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मासूम युवती का हत्यारा उन्हीं का पड़ोसी 22 वर्षीय प्रदीप निकला। प्रदीप पालियों पंचायत के अंधेरी गांव का रहने वाला है। प्रदीप काला अंब के एक उद्योग में सिक्योरिटी गार्ड लगा हुआ था। अति निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाली मृतक युवती 20 फरवरी से लापता थी। जिसकी उनके परिजनों के द्वारा काला अंब थाने में 1 दिन बाद शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
घटना की बाबत एसएचओ थाना काला अंब योगेंद्र सिंह ने आला अधिकारी एडिशनल एसपी बबीता राणा को इसकी तुरंत सूचना भी दे दी। चूंकि जिला पुलिस कप्तान ओमापति जमवाल ट्रेनिंग पर गए हुए थे। लिहाजा एडिशनल एसपी ने पूरी टीम के साथ लापता के गांव में छानबीन की। यही नहीं ड्रोन की मदद से भी पूरे क्षेत्र को खंगाला गया। बावजूद इसके युवती का करीब 11 दिन तक कोई सुराग नहीं मिल पाया। यहां सबसे बड़ी परेशानी पुलिस के लिए यह थी कि गांव में जहां यह युवती रहती थी केवल वहां पर 3 घर है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
ना तो कोई सीसीटीवी कैमरा लगा था और ना ही जिस घर से युवती लापता हुई थी वहां किसी भी तरह का कोई सबूत भी नहीं मिल पाया था। बावजूद इसके पुलिस पार्टी युवती की तलाश में दावपेंच इस्तेमाल कर रही थी। आखिर 11 दिनों के बाद पुलिस को युवती के घर के समीप जंगल और नाले के बीच में घनी झाड़ियों के बीच छुपा कर रखी डेड बॉडी बरामद हो गई। इसमें होमगार्ड के 2 जवान भी डेड बॉडी खोजने में जुटे हुए थे। डेड बॉडी के मिलते ही एडिशनल एसपी, एसएचओ काला अंब फॉरेंसिक टीम को साथ लेकर मौके पर पहुंचे।
बरामद युवती के शव पर संघर्ष के साथ चोट के भी निशान थे। यही नहीं युवती के पैरों में चप्पल आदि भी नहीं थी। शातिर हत्यारे के द्वारा किसी भी तरह का कोई क्लू नहीं छोड़ा गया था। पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया मगर ना तो कोई मोबाइल की लोकेशन ट्रेस हो पा रही थी और ना ही किसी तरह का कोई सीसीटीवी फुटेज आसपास नजर आया। युवती के घर से भी किसी तरह का कोई क्लू बरामद नहीं हो पाया। मगर एडिशनल एसपी बबीता राणा और एसएचओ योगेंद्र सिंह ने घर और घर के आसपास का बारीकी से निरीक्षण भी किया।
क्योंकि जिस दिन युवती लापता हुई थी उस दिन आधे धुले हुए कपड़े बाहर पड़े थे। जिसको लेकर पुलिस के दिमाग में कुछ खटका पहले से ही था। यहां यह भी बता दें कि जिस दिन युवती गायब हुई थी उस दिन उसके परिजन परिवार में हुई एक मौत पर शोक व्यक्त करने गए हुए थे। युवती के शव के मिलने के 2 दिन तक पुलिस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी। मामला टोटल ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का था।
बावजूद इसके एडिशनल एसपी और एसएचओ के लिए यह मर्डर मिस्ट्री एक चुनौती था। यहां आपको यह भी बता दें कि जिस एस एच ओ के हाथ में इस केस की इन्वेस्टिगेशन थी उनके द्वारा इसी थाना के अंतर्गत पहले चार ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री बहुत ही कम समय में सुलझा ली गई थी। पुलिस के द्वारा पुराना फार्मूला अपनाते हुए कुछ सस्पेक्टेड लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया। बावजूद इसके 3 दिन तक शातिर हत्यारा पुलिस की नजरों से दूर था।
आखिर तीसरे दिन शनिवार की देर शाम करीब 10:00 बजे के आसपास हत्यारा पुलिस के हाथों चढ़ गया। हत्यारे की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पुलिस पहले से ही उस पर नजर बनाए हुए थी। पुलिस के द्वारा कथित संदिग्ध के गर्दन पर कुछ खरोंचों के निशान भी देख लिए गए थे। बावजूद इसके पुलिस पुख्ता तौर पर हत्यारे को सबूत के साथ दबोचना चाह रही थी। पुलिस के द्वारा हत्यारे को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई। जिसमें अपराधी के द्वारा अपना अपराध भी कबूल लिया गया। अपराधी ने रोते हुए यह भी स्वीकार किया कि उससे एक बहुत बड़ी गलती हुई है।
हत्यारे ने यह भी कबूला की वह मृतक युवती से बहुत प्यार करता था जबकि वह उसको अक्सर इग्नोर किया करती थी। हत्यारे ने यह भी कबूला की उसे मालूम था कि आज उसके घर में कोई नहीं है। जिसके बाद हत्यारा युवती को अपने घर के आस-पास ले गया। जहां उसने गलत नियत के इरादे से युवती के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश भी करी। मगर अपने मकसद में कामयाब ना होते देख युवक के द्वारा युवती की हत्या कर दी गई।
युवती के सिर और मुंह पर काफी गंभीर चोटों के निशान थे। तो वहीं युवक की कमर गर्दन आदि पर भी काफी खरोंचों के निशान थे। युवती की मौत युवक द्वारा उसके सिर पर मारी गई चोट अथवा दम घुटने से हुई है इस पर फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही खुलासा हो पाएगा। बावजूद इसके पुलिस के द्वारा जिस तरीके से इस ब्लाइंड मिस्ट्री से वह भी बिना किसी फोन लोकेशन बिना किसी सबूत के मामला सुलझाया गया है वह अपने आप में एक बड़ी बात है।
पुलिस के द्वारा शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किए गए बोरे आदि को बरामद कर लिया गया है। हत्यारे को गिरफ्तार कर मामला अंतर्गत धारा 302-201 आईपीसी के तहत दर्ज कर लिया गया है। मामले की पुष्टि एडिशनल एसपी बबीता राणा ने की है। वही ट्रेनिंग से वापस लौटे जिला पुलिस कप्तान ओमापती जमवाल ने पूरी पुलिस पार्टी को इस उपलब्धि के लिए शाबाशी दी है। उधर एडिशनल एसपी बबीता राणा ने कहा कि अभियुक्त का 5 दिन का रिमांड मांगा गया था जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है।
बरहाल, पुलिस ने एक बार फिर अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया है। तो वही अब यह भी देखना होगा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद और क्या गहन राज खुलते हैं। इतना ही नहीं माना जा रहा है कि इस मर्डर मिस्ट्री में केवल एक ही आरोपी शामिल है।इस पुलिस टीम में हेड कांस्टेबल आशु अग्रवाल, साइबर टीम की ओर से नीतीश और हेड कांस्टेबल रोहित, होमगार्ड के धर्मपाल, ओम प्रकाश सहित करीब 8 सदस्यों की इस टीम ने इस ब्लाइंड मिस्ट्री में बड़ी कामयाबी दर्ज की है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group