लगातार बारिश और सड़क बंद होने से ग्रामीणों ने दिखाई सूझबूझ, स्वास्थ्यकर्मियों ने बचाई जान
संगड़ाह 
सिरमौर ज़िले के उपमंडल संगड़ाह में लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सड़कें बंद होने से आवागमन बाधित है और इसी बीच कजवा गाँव की एक गर्भवती महिला को ग्रामीणों ने करीब 12 किमी. तक चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुँचाया। समय पर पहुँचने से महिला और नवजात शिशु की जान बच गई।
28 वर्षीय निशा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसके पति हेमचंद और ग्रामीणों ने मिलकर उसे चारपाई पर बिठाया और संगड़ाह अस्पताल तक ले गए। रास्ते में कीचड़ और मलबे के कारण किराए की गाड़ी को कई बार धक्का भी लगाना पड़ा। हेमचंद ने सफल प्रसव के लिए ग्रामीणों और स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताया।
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सुविधाओं की कमी के बीच सफल डिलीवरी
आमतौर पर पहली डिलीवरी के मामलों को मेडिकल कॉलेज नाहन रेफर किया जाता है, लेकिन सड़कों के बंद होने और प्रसव में देरी न होने के कारण स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वैभव ने संगड़ाह में ही सफल डिलीवरी करवाई। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद मरीजों को बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ. परमार के गृह क्षेत्र की सीएचसी संगड़ाह को आदर्श अस्पताल घोषित किया गया है, लेकिन यहाँ एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और जनरेटर जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। डॉक्टरों के 10 स्वीकृत पदों में से सिर्फ़ एक ही नियमित चिकित्सक मौजूद है। इसके अलावा, बिजली विभाग का कार्यालय बंद रहने से कई बार घंटों बिजली गुल रहती है और जनरेटर न होने से मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ता है।
हालांकि, हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 6 नर्सों की नियुक्ति और 30 लाख रुपये की लैब मिलने से अस्पताल में कुछ सुधार हुआ है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीणों की एकजुटता और कठिन हालात में उनकी सूझबूझ को उजागर किया है।
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