लेड,धागा, सरिया, प्लास्टिक कारोबार को मिला संबल, आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार को झटका
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के उद्योग जगत को बड़ी राहत देते हुए सरकार द्वारा उद्योगों से अतिरिक्त माल कर (एजीटी) वसूलने पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने टैक्सटाइल मिलों और अन्य औद्योगिक इकाइयों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया।
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अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पैसेंजर एंड गुड्स टैक्सेशन एक्ट 1955 की धारा 3बी और 4ए के तहत कोई भी अतिरिक्त कर नहीं वसूल सकेगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रही राज्य सरकार एजीटी के माध्यम से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का राजस्व अर्जित करती रही है।उद्योग जगत ने किया फैसले का स्वागत, लंबे समय से थी राहत की उम्मीदउच्च न्यायालय के इस निर्णय का उद्योग जगत ने खुलकर स्वागत किया है और इसे लंबे समय से प्रतीक्षित राहत बताया है।
अतिरिक्त माल कर, जो राज्य के भीतर सड़क मार्ग से माल के परिवहन पर लगाया जाता था, जिसमें प्रत्येक 250 किलोमीटर की दूरी पर शुल्क निर्धारित था, का धागा, सरिया, प्लास्टिक, स्टील और सीमेंट जैसे प्रमुख उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
उद्योगपति इस कर का लगातार विरोध कर रहे थे।जीएसटी की मूल भावना के खिलाफ बताया एजीटीउद्योग प्रतिनिधियों ने अतिरिक्त माल कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की मूल भावना के विपरीत बताया था।
उनका कहना था कि यह कर उद्योगों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाल रहा था। उच्च न्यायालय के इस आदेश से इन उद्योगों को एक बड़े आर्थिक बोझ से मुक्ति मिली है।गौरतलब है कि इस खबर को सबसे पहले हिमाचल नाउ न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसने उद्योग जगत की आवाज को बुलंद किया था। अब उच्च न्यायालय के इस फैसले से प्रदेश के औद्योगिक विकास को एक नया impetus मिलने की उम्मीद है।
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