HNN/कुल्लू
कुल्लू जिले में पिछले दो महीनों से सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेतों में नमी की कमी के कारण दाल और मक्की की पैदावार में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में राजमाह की पैदावार सबसे अधिक प्रभावित हुई है।
किसानों का कहना है कि जुलाई और अगस्त में बारिश ठीक रही, लेकिन इसके बाद मौसम शुष्क हो गया है। इससे खेतों में फसलें पीली पड़ रही हैं और पशुओं के लिए चारे का घास भी सूख रहा है। किसान अब बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। कृषि उप निदेशक कुल्लू सुशील शर्मा ने कहा कि बारिश न होने से फसलों पर असर पड़ा है और रबी फसल की बिजाई के लिए समय आ गया है।
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कुल्लू जिले के किसानों को इस सूखे से भारी नुकसान हुआ है। मक्की के पौधे की वृद्धि सीमित रही और डंठल की लंबाई भी कम हो गई है। किसानों ने सर्दियों के पशु चारे के लिए मक्की के घास को सुखाने का काम शुरू कर दिया है। किसानों को अब बारिश की दरकार है ताकि आगामी फसल पर भी इसका असर न पड़े।
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