काला अंब के दवा उद्योग में काम कर जुटाए पैसों से बनाया वीडियो एल्बम
HNN/ नाहन
वह कहते हैं कि पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादों को उसके मुकद्दर के सफेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते। यह कहावत हरिपुरधार के उभरते हुए युवा गायक व कंपोजर गीतकार बलिंदर वर्मा उर्फ शानू पर सही उतरती है। निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाले शानू का बचपन से संगीतकार और गीतकार बनने का सपना था। ऐसे में शिक्षा के साथ-साथ बिना किसी गुरु के शानू ने पहाड़ी फोक पर काम करना शुरू किया। खुद के गीत लिखे और उन्हें गाना शुरू किया।
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शानू के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने गानों को एक बेहतर स्टूडियो में गाने की थी। मगर जेब खाली होने की वजह से उसे अपने सपने टूटते नजर आए। ऐसे में शानू ने अपने गांव हरिपुरधार को छोड़कर काम करने की ठान ली। बलिंदर वर्मा उर्फ शानू औद्योगिक क्षेत्र काला अंब की ओर काम की तलाश में आ गया। कई महीने तक धक्के खाने के बाद शानू को अल्पस कम्युनिकेशन दवा उद्योग में टेक्नीशियन का काम मिल गया।
रात दिन मेहनत कर पैसे जुटाने के बाद शानू ने शिमला के एक स्टूडियो में जाकर अपनी पहली पहाड़ी गाने की एल्बम सिरमौरी ब्लास्ट को कंपोज किया। इस एल्बम का निर्देशन दिनेश शर्मा एडिटिंग शुभम शर्मा ने की है। जबकि इस वीडियो एल्बम में संगीत सुरेंद्र नेगी ने दिया है। कोरियोग्राफी डीआईडी फेम अक्षरा चौहान ने की है। अलग-अलग जगह वीडियो एल्बम को अजय रिंपा ने हाई डेफिनेशन कैमरा से शूट किया है।
सुर सिरमौर बैनर के साथ सिरमौरी ब्लास्ट दो का यह वीडियो एल्बम लोगों में काफी चर्चित भी हो रहा है। शानू का कहना है कि वह हिमाचली संस्कृति और पहाड़ी संगीत को देश और दुनिया में विशेष पहचान दिलाना चाहता है। शानू का कहना है कि प्रदेश में पहाड़ी सुर साधना को लेकर कोई भी विद्यालय या कोई भी ऐसा संस्थान नहीं है जहां पर पहाड़ी संगीत की बारीकियों को समझा जा सके। शानू ने कहा कि उसका एक ही सपना है कि वह अच्छा पैसा कमा कर एक बेहतर संगीत केंद्र खोलना चाहता है जहां पहाड़ी कल्चर को सुरों में ढाला जा सके।
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