शिमला
प्राकृतिक खेती, दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण पर रहेगा विशेष फोकस, हिम गंगा योजना का विस्तार भी जारी
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषि, बागवानी और पशुपालन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2025 में प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में कुल 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी ताकि गांवों की आर्थिकी को मजबूत बनाया जा सके।
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प्राकृतिक खेती और समर्थन मूल्य नीति को मिली प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आकर्षित कर रही है। इस वर्ष एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती से उत्पादित हल्दी, गेहूं और मक्का का समर्थन मूल्य क्रमश: 90, 60 और 40 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। सभी प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ा जाएगा।
दुग्ध क्षेत्र में नवाचार, हिम गंगा योजना से ग्रामीणों को लाभ
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में हिम गंगा योजना को पायलट आधार पर शुरू किया गया है। मिल्कफैड ने मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में 120 स्वचालित व 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयों की स्थापना की है। इसका उद्देश्य ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों को बेहतर मूल्य और सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
प्रसंस्करण और विपणन तंत्र को बनाया जाएगा मजबूत
सरकार की योजना कृषि और बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन को व्यवस्थित करने की है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में नवोन्मेषी और प्रभावशाली रणनीति अपनाएं।
बैठक में इन प्रमुख लोगों की रही उपस्थिति
इस उच्च स्तरीय बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, पशुपालन सचिव रितेश चौहान, मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक विकास सूद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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