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सुख सरकार टांडा मेडिकल कालेज को बना रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मॉडल संस्थान

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धर्मशाला

छह लाख मरीजों का इलाज, एक्सरे व सिटी मशीनों की सुविधा, मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और क्रिटिकल केयर यूनिट की स्वीकृति

स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर ढांचा तैयार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खु के नेतृत्व में टांडा मेडिकल कालेज को अत्याधुनिक चिकित्सा संस्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है। हर साल यहां करीब छह लाख मरीजों की ओपीडी और 60 से 70 हजार इनडोर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कॉलेज में हर वर्ष आठ से दस हजार प्रसव कराए जा रहे हैं, जो देश के अग्रणी मेडिकल संस्थानों के बराबर माना जा रहा है।

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टांडा बना ट्रांसप्लांट और ऑपरेशन का प्रमुख केंद्र
कॉलेज में वर्तमान में 12 ऑपरेशन थिएटर क्रियाशील हैं और 6 और शुरू किए जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे पहले टांडा अस्पताल में रीनल ट्रांसप्लांट शुरू किया गया, और केवल छह महीनों में 11 सफल ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। ट्रॉमा सेंटर की शुरुआत भी हो चुकी है, जिसमें 100 पद भरे गए हैं, जिनमें 8 डॉक्टर शामिल हैं।

मेडिकल उपकरणों को लेकर फैलाई गई भ्रांतियों का खंडन
कॉलेज प्राचार्य मिलाप शर्मा ने बताया कि एक्सरे मशीनों को लेकर फैलाई जा रही गलत जानकारी आधारहीन है। उन्होंने बताया कि संस्थान में 6 पोर्टेबल एक्सरे मशीनें और दो 800 एमए की मशीनें हैं, जिनमें आई खराबियों को ठीक किया जा रहा है। नई सिटी मशीन के लिए एक करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं। साथ ही 15 नई मेडिकल मशीनें भी जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी।

नए विभागों की स्वीकृति और बड़ी भर्तियों की तैयारी
राज्य सरकार की ओर से टांडा कॉलेज को क्रिटिकल केयर यूनिट और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मेंटल हेल्थ केयर की स्वीकृति मिल चुकी है। मनोविज्ञान विभाग में एमडी कोर्स भी शुरू कर दिया गया है और आवश्यक स्टाफ की भर्ती की जा चुकी है। टांडा मेडिकल संस्थान को मजबूत करने के लिए 500 नए पदों की स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें डॉक्टर और अन्य स्टाफ शामिल हैं।

मदर चाइल्ड हॉस्पिटल के रैंप के लिए बड़ी सौगात
स्वर्गीय जीएस बाली मदर चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के रैंप निर्माण के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। यह कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा ताकि महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए बेहतर पहुंच और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

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