प्रदेश में भाजपा की एकजुटता एकमात्र मिशन रिपीट का फर्मूला
HNN / नाहन
75वें हिमाचल दिवस के मौके पर जहां ऊर्जा मंत्री ने नाहन के चौगान मैदान में ध्वजारोहण किया, तो वही कार्यक्रम से पहले सिरमौर भाजपा के दिग्गज गलबहियां करते नजर आए। जिला सिरमौर में जहां 3 सीटों की जगह 5 सीटों पर जीत का जिम्मा ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के कंधों पर है तो वही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप पर एकजुटता के सिंबल के साथ ना केवल जिला सिरमौर बल्कि 68 विधानसभा क्षेत्रों की बड़ी जिम्मेवारी है। हिमाचल दिवस के मौके पर सुरेश कश्यप, सुखराम चौधरी, राजीव बिंदल के साथ मुख्यमंत्री के करीबी बलदेव तोमर और बलदेव भंडारी भी एक साथ नजर आए।
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जाहिर है चुनावी वर्ष में इन सबके इकट्ठे दिखाई देने का मतलब प्रदेश भाजपा संगठन में एक बड़ा संदेश देने की कोशिश है। विपक्ष जहां भाजपा को गुटबाजी से गिरा हुआ बताने की कोशिश कर रहा है तो वही भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयराम ठाकुर के नेतृत्व में 2022 के चुनाव लड़े जाने को लेकर इसका करारा जवाब भी दे दिया है। हालांकि गुटबाजी के चलते ही प्रदेश में भाजपा ने उप चुनाव हारे थे। इसके पीछे मुख्यमंत्री की छवि खराब करने को लेकर एक बड़ी मंशा भी झलकती थी। मगर जेपी नड्डा ने पूरी परिस्थितियों को भांपते हुए छोटे ठाकुर को फिर से आगे कर एकजुटता में मिशन रिपीट की गारंटी सुनिश्चित कर दी है।
यही बड़ी वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने 2022 के लिए एकजुटता को पटल पर दर्शना भी शुरू करवा दिया है। बता दें कि प्रदेश की राजनीति में डॉ. बिंदल को जहां चतुर चाणक्य माना जाता है तो वही सिरमौर से ताल्लुक रखने वाले ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को कूटनीति का विशेषज्ञ माना जाता है। हालांकि हिमाचल दिवस का कार्यक्रम राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था मगर जिला सिरमौर भाजपा अध्यक्ष इस बात को लेकर निश्चित है कि सिरमौर से भाजपा की जीत को सुनिश्चित करने के लिए उनके पास त्रिदेव अस्त्र भी है। बताना जरूरी है कि आम आदमी पार्टी की दस्तक के बाद जहां भाजपा के लिए अब कांग्रेस बड़ी चुनौती नजर नहीं आती है तो वही एकजुट ना होना आम आदमी पार्टी भाजपा के नाक का बाल भी बन सकती है।
इसकी मुख्य वजह यह भी है कि आम आदमी पार्टी में बाहर से कोई आने वाला नहीं है। मगर यह तय है कि भाजपा और कांग्रेस से जिन्हें टिकटों को लेकर दरकिनार किया जाएगा उनके सामने बतौर और तीसरा विकल्प आम पार्टी ही नजर आती है। कुल मिलाकर अब कहा जा सकता है कि भाजपा की जयराम सरकार ने जहां विकास को मिशन रिपीट का मुख्य आधार बनाया है तो वही अब आने वाले इनके हर कार्यक्रम में एकजुटता दर्शाया जाना रणनीति का बड़ा हिस्सा हो सकता है।
बरहाल, देखना यह होगा कि सिरमौर से भाजपा किन पांच चेहरों को उतारती है। इनमें नाहन और पांवटा साहिब की तस्वीर तो बिल्कुल साफ नजर आती है मगर शिलाई, रेणुका जी और पच्छाद में कौन से चेहरे होंगे यह देखना बाकी होगा।
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