HNN/ चंबा
उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की राष्ट्रीय सूचना विज्ञान कक्षा के सभागार कक्ष से वर्चुअल माध्यम से जिला में शीतकालीन मौसम की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते उपायुक्त ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए तैयार रहने के लिए विशेष रूप से जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां बर्फबारी की अधिक संभावना रहती है वहां पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जाए।
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर इन क्षेत्रों का मानचित्रण प्राथमिकता के आधार पर तैयार करने के साथ-साथ शैडो व संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान भी करें। बैठक में यह भी निर्देश जारी किए कि जनजातीय और दूरदराज क्षेत्रों में संचार प्रणालियों की तैयारी भी सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने अधिकारियों को यह भी कहा कि संचार के वैकल्पिक विकल्पों और संचार के सभी साधन जैसे मोबाइल लैंडलाइन सेटेलाइट फोन की नेटवर्क सिस्टम की जांच करने के लिए भी मॉक ड्रिल आयोजित की जाए।
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उपायुक्त ने यह भी कहा कि पिछले अनुभव के आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाए और प्राथमिकता के आधार पर श्रम शक्ति और मशीनरी की उपलब्धता समय रहते की जाए। उपायुक्त ने बर्फबारी वाले क्षेत्रों और पर्यटन स्थलों में उपमंडल अधिकारियों को बर्फबारी के दौरान उचित प्रबंध करने के निर्देश जारी करते हुए कहा कि खुले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आश्रय प्रदान करने के भी प्रबंध करने की उचित व्यवस्था की जाए।
डलहौजी में बर्फबारी के दौरान सड़क मार्गों को भी विशेष रूप से खुला रखा जाए ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो अधिक बर्फबारी की सूरत में पर्यटकों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने की अनुमति ना दें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि पुलिस , होमगार्ड अग्निशमन विभाग व स्थानीय युवकों का भी किसी भी आपदा से निपटने के लिए प्रभावी मेकैनिज्म तैयार कर प्रतिक्रिया दल गठित किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति इस दौरान निर्बाध रूप से भी उपलब्ध होनी चाहिए तथा ट्रांसफार्मर, विद्युत खंभे विद्युत लाइन की भी समय रहते मरम्मत के कदम उठाए जाएं। हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों के लिए भी सक्षम अधिकारी समय-समय पर चेतावनी जारी करेंगे।
सूखे की स्थिति में जंगलों की आग तथा रिहायशी जगहों में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए भी उचित कदम उठाने के लिए वन विभाग तथा अग्निशमन केंद्र के अधिकारियों को मुस्तैद रहने की भी निर्देश जारी किए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आपदा दुर्घटना क्षति की स्थिति में त्वरित स्थलीय निरीक्षण करते हुए सूचनाओं का तत्काल आदान प्रदान करें। किसी भी आपदा, दुर्घटना व क्षति की सूचना आपदा नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 018 99-226950, स्याणु हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 98166 98166 एवं टोल फ्री नंबर 1077 व 1070 पर कर सकते हैं।
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