HNN / संगड़ाह
हिमपात अथवा कड़ाके की ठंड से प्रभावित रहने वाली गिरिपार की विभिन्न पंचायतों के ग्रामीण इन दिनों अगले चार माह के लिए खाद्य सामग्री व पशु चारा आदि एकत्र करने में जोर-शोर जुट गए हैं। बर्फ से प्रभावित रहने वाली विभिन्न पंचायतों के ग्रामीणों द्वारा इस महीने नवंबर से फरवरी माह तक के लिए सुखा चारा, जलाने की लकड़िया तथा खाद्य सामग्री एकत्र की जाती है। यूं तो ग्रेटर सिरमौर के अंतर्गत आने वाली सभी 135 पंचायतों में सर्दियों के लिए खाद्य सामग्री, लकड़ी व सूखे चारे के भंडारण की परंपरा है, मगर बर्फ से प्रभावित रहने वाली उपमंडल संगड़ाह की दर्जन भर पंचायतों में अन्य जगहों की अपेक्षा ज्यादा मात्रा में उक्त सामग्री जुटाई जाती है।
उक्त पंचायतों में इन दिनों घास काटने के लिए ग्रामीण सामूहिक रूप एक दूसरे की मदद करते हैं तथा श्रमदान की इस रिवायत को अथवा हेला, घोसार अथवा भुआरे आदि नामों से जाना जाता है। एक परिवार का काम पूरा होने के बाद दूसरे परिवार की मदद के लिए इसी तरह से पूरे गांव में लोग पहुंचते हैं। बर्फबारी होने पर जिला मे सबसे ज्यादा समय तक उपमंडल संगड़ाह की चार सड़कें बंद रहती है तथा लोक निर्माण विभाग के पास यहां एक भी स्नोकटर न होने के चलते बर्फ हटाने में ज्यादा समय लगता है।
सर्दियों में क्षेत्र में आयोजित होने वाले दिवाली, बूढ़ी दिवाली, मशराली व माघी आदि त्योहार कईं दिनों तक चलते है तथा इस दौरान लोग पहले से जुटाई गई खाद्य सामग्री व चारे आदि का इस्तेमाल करते हैं। सर्दियों में फेस्टिवल सीजन का आनंद उठाना भी इन दिनों ज्यादा खाद्य सामग्री व चारा जुटाने का एक मुख्य कारण है। अधिकतर परिवारों द्वारा दिवाली से पूर्व राशन व चार इकट्ठा करने कार्य पूरा किया जाता है। उपमंडल संगड़ाह के अलावा शिलाई व राजगढ़ सब-डिवीजन में भी इन दिनों राशन, चारा व जलाने की लकड़ियां स्टोर करने में ग्रामीण जोर-शोर से जुट गए हैं।