HNN/शिमला
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून के बिगड़ते हालतों को देख कर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब से कोई भी भवन बनाने से पहले जमीन की जांच की जाएगी उसके बाद ही भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सरकार ने भवन निर्माण के विषय में सख्त नियमों को और इंजीनियर की रिपोर्ट भी अनिवार्य कर दी है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश में आई आपदा के कारण अभी तक 1,442 कच्चे-पक्के मकान ढह गए हैं, जबकि 8,160 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सीएम सुक्खू ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ आपदा से संबंधित बैठक की और पानी की निकासी और जमीन की जांच करने पर विस्तार से चर्चा की।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में लोगों द्वारा किये गए अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग रही है। लोग बिना किसी नक्शे के ही भवनों का निर्माण कर रहे हैं। जिन लोगों को सरकार ने चार मंजिला इमारत बनाने की मंजूरी दी थी, उन लोगों ने चार की बजाय पांच से छह मंजिला इमारत का निर्माण किया है।
इन इमारतों में पानी की निकासी सही न होने के कारण पानी जमीन में जा रहा है जिससे कि जमीन दलदल होकर खिसकती जा रही है और हादसे हो रहे हैं। देवेश कुमार प्रधान सचिव टीसीपी का कहना है कि बिना नक्शे के हो रहे भवन निर्माण के कार्यों पर सख्त कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं।
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