HNN / शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से संस्कृत भारती के क्षेत्रीय सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का आधार है और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने तथा प्रचारित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत प्राचीन भाषा है और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा दुनिया को दिया गया यह सबसे बड़ा उपहार है। संस्कृत को अब विश्व में सबसे प्राचीन साहित्य वाली भाषा के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य का महासागर है और देव भाषा संस्कृत वेदों, शास्त्रों, काव्यों और अनेक ऐसे ज्ञानरूपी मोतियों का स्रोत है। जय राम ठाकुर ने कहा कि संस्कृत भाषाई, वर्ग, जाति, संप्रदाय और क्षेत्रीय विभाजन जैसे सामाजिक भेदों को दूर करने का सर्वाेत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र के लोग आसानी से संस्कृत से जुड़ सकते हैं और यह देश को एकजुट करने का सर्वोत्तम साधन है। ठाकुर ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के रूप में जाना जाता है और इस प्रकार देव वाणी संस्कृत प्रदेश के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस भाषा को इसका उचित स्थान प्रदान करने के लिए 2019 में राज्य सरकार ने संस्कृत भाषा को राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा बनाया गया है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह भाषा सीखनी चाहिए ताकि वह समृद्ध संस्कृति और परम्परा पर गर्व महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि संस्कृत भाषा एक दिव्य भाषा है जो विश्व को विश्व बंधुत्व और सहअस्तित्व की शिक्षा देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दैनिक जीवन में संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।