पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में भारतीय सुरक्षा बलों ने एक खतरनाक आतंकी को गिरफ्तार किया है। यह आतंकी, जावेद मुंशी, कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त था और भारतीय उपमहाद्वीप में कई देशों के बीच आतंकी नेटवर्क चला रहा था। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी और इसका महत्त्व।
जावेद मुंशी की गिरफ्तारी
पश्चिम बंगाल पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने दक्षिण 24 परगना के कैनिंग इलाके में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक बड़े आतंकी जावेद मुंशी को गिरफ्तार किया। वह कश्मीर में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-मुजाहिदीन (TeM) का सदस्य था और लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए एक बड़े लक्ष्य के रूप में था।
जावेद मुंशी का आतंकवादी नेटवर्क
जावेद मुंशी कश्मीर में कई विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है। वह एक कुशल आईईडी (इम्प्रॉवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विशेषज्ञ और हथियार संचालक था। जावेद पर 2011 में अहल-ए-हदीस के नेता शौकत शाह की हत्या में शामिल होने का आरोप भी है। इसके अलावा, वह आतंकवाद से संबंधित मामलों में पहले भी जेल जा चुका था।
पुलिस की पूछताछ में मुंशी ने स्वीकार किया कि उसने पाकिस्तान से फर्जी पासपोर्ट के जरिए बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान की यात्रा की थी। जानकारी के मुताबिक, तहरीक-ए-मुजाहिदीन संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है और घाटी, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अन्य आतंकवादी संगठनों से इसके गहरे संपर्क हैं।
‘मुस्लिम लीग’ को पुनर्जीवित करने की योजना
आतंकी जावेद मुंशी के पकड़े जाने के बाद, सरकारी वकील विकास ने बताया कि वह मुस्लिम लीग को पुनर्जीवित करने की योजना बना रहा था। यह संगठन एक समय भारतीय उपमहाद्वीप में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत था, लेकिन विभाजन के बाद इसकी भूमिका कम हो गई थी। मुंशी का उद्देश्य इसे फिर से सक्रिय करना था, जिससे वह अपनी आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सके।
कourt ने इस मामले में 31 दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड का आदेश दिया है। सरकारी वकील ने आगे कहा कि पुलिस ने जावेद मुंशी के पास से एक किताब, एक सीडी, एक प्लास्टिक बैग और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनका संबंध उसकी योजनाओं से है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया और जांच
आतंकी जावेद मुंशी को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके बाद, उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा, जो आगे की जांच के लिए उसे लेकर कश्मीर लौट जाएगी। इस मामले में अब तक की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों ने एक बड़ा आतंकी नेटवर्क पकड़ लिया है, जो देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा था।
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में जावेद मुंशी की गिरफ्तारी ने सुरक्षा बलों की तत्परता और कड़ी मेहनत को साबित किया है। यह गिरफ्तारी न केवल कश्मीर में चल रहे आतंकवादी नेटवर्क की महत्वपूर्ण कड़ी को तोड़ने में मदद करेगी, बल्कि इससे पाकिस्तान और बांग्लादेश में सक्रिय अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ भी मजबूत संदेश जाएगा। पुलिस की ओर से की जा रही जांच से और भी कई सुराग मिलने की उम्मीद है, जो भारत की सुरक्षा को और मजबूत बना सकते हैं।