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UP संभल प्राचीन शिव मंदिर / संभल में मिले प्राचीन शिव मंदिर की कार्बन डेटिंग से होगी जांच, ASI की टीम आज सर्वे के लिए पहुंचेगी

हिमाचलनाउ डेस्क | 19 दिसंबर 2024 at 9:31 am

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ASI टीम का दौरा
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित प्राचीन शिव मंदिर और वहां मिले कुएं की खुदाई की जांच के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम आज का दौरा करेगी। इस सर्वे के माध्यम से ASI यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि ये मंदिर और कुआँ कितने साल पुराने हैं।

सर्वे का उद्देश्य
ASI की टीम मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग करेगी, जिससे यह जानकारी मिलेगी कि यह प्राचीन स्थल किस सदी से संबंधित है। साथ ही, इसका ऐतिहासिक महत्व भी स्पष्ट होगा। ASI की 4 सदस्यीय टीम इस सर्वे में शामिल होगी।


प्राचीन मंदिर का पुनः उद्घाटन और खुदाई

46 वर्षों बाद खुला मंदिर
खग्गुसराय क्षेत्र स्थित कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर 46 साल बाद पुनः खोला गया था। इस मंदिर के पास स्थित कुएं और मूर्तियों की कार्बन डेटिंग के लिए ASI की टीम आज संभल पहुंचेगी।

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मूर्ति और कुएं की खुदाई
मंदिर के पास स्थित कुएं में खुदाई के दौरान तीन खंडित मूर्तियां प्राप्त हुई थीं। इन मूर्तियों के मिलने के बाद प्रशासन ने इस कुएं की खुदाई को 20 फीट तक किया था। इसके बाद ही ASI को जांच के लिए सूचित किया गया।

मंदिर का पुनः उद्घाटन
13 दिसंबर को इस भस्म शंकर मंदिर को फिर से खोला गया था। मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था। मंदिर 1978 से बंद था।


ASI टीम का निरीक्षण

टीम के सदस्य और कार्य
ASI की टीम में उत्खनन अधिकारी, सहायक पुरातत्व अधिकारी और सर्वेक्षक शामिल होंगे। यह टीम मंदिर और कुएं का सर्वे करेगी और वहां मिली कलाकृतियों की कार्बन डेटिंग करेगी।

सुरक्षा इंतजाम
ASI टीम के दौरे को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है, ताकि कोई अप्रत्याशित घटना न हो।


विवाद और हिंसा का इतिहास

सर्वे के दौरान हिंसा
मंदिर का सर्वे शाही जामा मस्जिद के पास स्थित खग्गूसराय इलाके में हुआ था। 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर किए गए इस सर्वे के दौरान विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी। इसके बाद, जिला प्रशासन ने मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग के लिए ASI को पत्र लिखा था।

कार्बन डेटिंग का महत्व
कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसका उपयोग प्राचीन स्थलों से प्राप्त पुरातात्विक कलाकृतियों के काल निर्धारण के लिए किया जाता है।


निष्कर्ष

ASI टीम की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
ASI की टीम अब प्राचीन शिव मंदिर और कुएं की कार्बन डेटिंग करेगी, ताकि उनकी ऐतिहासिक महत्ता और उम्र का सही अनुमान लगाया जा सके। इसके साथ ही, यह सर्वे जिले के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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