शिमला
581 दिन से जारी है आंदोलन , बैकलॉग पदों को भरने की मांग पर अड़े दृष्टिबाधित
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दृष्टिबाधित बेरोजगारों का आंदोलन मंगलवार को एक बार फिर उग्र रूप ले गया । लगभग 581 दिनों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे दृष्टिबाधित युवाओं ने सचिवालय के समीप सड़क पर चक्का जाम कर दिया।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
सरकार से मिले आश्वासन के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
21 अप्रैल को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने दृष्टिबाधित संघ को 15 मई तक मुख्य सचिव के साथ बैठक का आश्वासन दिया था, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। इस उपेक्षा से आक्रोशित होकर मंगलवार को दृष्टिबाधितों ने फिर से सचिवालय के पास धरना-प्रदर्शन किया और सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
यातायात व्यवस्था चरमराई, एकतरफा चालू रही आवाजाही
प्रदर्शन के चलते सड़क पर ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया। वाहनों की आवाजाही सिर्फ एक तरफ से संभव हो सकी, जिससे आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दृष्टिबाधित कोटे के बैकलॉग पदों की मांग
दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष शोभू राम ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। वहीं संघ के सचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि वह विभिन्न विभागों में खाली पड़े दृष्टिबाधित कोटे के बैकलॉग पदों को एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं।
बार-बार की वार्ता और टालमटोल से नाराज संघ
संघ के अनुसार सरकार के साथ कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। जब आंदोलन तेज किया जाता है, तो वार्ता का आश्वासन मिलता है, लेकिन बाद में कुछ नहीं होता। राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि पुलिस भी उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही है।
मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव से मुलाकात की मांग
संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव उनसे आकर मिलते नहीं हैं और ठोस निर्णय नहीं लेते, तब तक उनका चक्का जाम जारी रहेगा।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





