शिमला
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के राजस्व में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। पिछले तीन साल में विभाग ने ₹26,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व एकत्रित किया है, जिसका खुलासा स्वयं विभाग ने किया है।
विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ₹10,248.56 करोड़ राजस्व अर्जित किया गया, और वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर ₹10,880.57 करोड़ रुपये हो गया।
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इसके अलावा, वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 में विभाग ने सितंबर 2025 तक ₹5,536.30 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह किया है। यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि वर्ष 2022-23 की तुलना में जीएसटी, एक्साइज, वैट, पीजीटी तथा अन्य करों से प्राप्त राजस्व राज्य सरकार के सुधारों से बेहतर कार्यकुशलता और अनुपालन का परिणाम है।
राज्य सरकार ने विभाग की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं। इनमें वर्ष 2023-24 और 2024-25 में शराब ठेकों के आवंटन के लिए नीलामी-कम टेंडर प्रणाली शामिल है।
इस पहल से आबकारी राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 के ₹2,147.04 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में ₹2,631.30 करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में ₹2,776.41 करोड़ हो गया।
बजट घोषणाओं के अनुसार, सरकार ने शराब की प्रत्येक बोतल पर ₹10 का मिल्क सेस भी लगाया है, जिससे वर्ष 2024-25 में ₹141.92 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए हैं। इस राशि का उपयोग दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों की सहायता के लिए किया जा रहा है।
इसी प्रकार, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024-25 से नैचुरल फार्मिंग सेस भी लगाया गया, जिससे ₹24.62 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। वहीं, वर्ष 2025-26 के लिए बेसहारा अथवा विधवा महिलाओं तथा दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों के लिए सहायता हेतु भारतीय और विदेशी शराब के निर्यात पर प्रति बल्क लीटर ₹1.50 का डब्ल्यूडीए सेस लगाया गया है।
प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से, जनवरी 2024 में लंबे समय से लंबित सुधार के तहत विभाग में जीएसटी और एक्साइज के लिए अलग-अलग शाखाओं का गठन किया गया, जिससे विशेषज्ञता, प्रवर्तन और सेवा प्रदायगी में सुधार हुआ है। इसके अतिरिक्त, करदाताओं की सुविधा के लिए सितंबर 2024 में एक नया ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप शुरू किया गया।
इसके माध्यम से ई-रजिस्ट्रेशन, वैट और सीएसटी की ई-रिटर्न फाइलिंग, ऑनलाइन कर भुगतान, चेकपोस्ट पर ई-डिक्लरेशन तथा विभिन्न वैधानिक प्रपत्रों को ऑनलाइन जारी करना एवं सत्यापन जैसी डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। विभाग ने इस प्रकार डिजिटल शासन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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