शिक्षा के गुणात्मक विकास में स्कूल प्रबंधन समितियों की भूमिका अहम -वीरेंद्र कंवर

HNN / ऊना, वीरेंद्र बन्याल

जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, थानाकलां में खंड स्तरीय सामुदायिक सहभागिता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने की। शिविर में शिक्षा खंड बंगाणा के सभी स्कूलों से एसएमसी अध्यक्षों व सदस्यों, स्कूल प्रमुखों, पंचायत प्रतिनिधियों सहित अध्यापकों और अभिभावकों ने भाग लिया। कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि जिला ऊना के 277 स्कूलों में प्री-प्राईमरी शिक्षा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में लगभग 4 हजार बच्चों ने दाखिला लिया है। बच्चों की सुविधा के लिए इन स्कूलों में खेल सामग्री, प्रसाधन सामग्री और फर्नीचर इत्यादि उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार, सक्षम और संस्कारों व सद्गुणों से युक्त नागरिकों का निर्माण करना ही शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकार के साथ-साथ समाज के हर व्यक्ति को सहभागी बनने पर बल दिया गया है।

उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों को अपनी सहभागिता दर्ज करने के लिए प्रेरित करना ही इस जागरुकता शिविर का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि इससे शिक्षक और अभिभावको में आपसी समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी।वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि कुटलैहड़ विधानसभा क्षे़त्र में स्कूलों मे गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक विज्ञान भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त चैक डैम निर्मित किए जा रहे हैं ताकि किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि गोंविन्द सागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।

यहां साहसिक खेलों के आयोजन के साथ-साथ वाटर स्पोर्टस और पैराग्लाईडिंग की शुरुआत की गई है। ऊना सुपर-50 में क्षेत्र के 7 बच्चों का चयन हुआ है।जागरुकता शिविर में एसएमसी की भूमिका व कर्तव्य, बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा में माता-पिता व अभिभावकों की भूमिका, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में समुदाय की भूमिका की विस्तृत जानकारी दी गई। 


Posted

in

,

by

Tags: