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वन नेशन, वन इलेक्शन जेपीसी: बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता में जेपीसी का गठन, अनुराग ठाकुर सहित ये लोग हैं शामिल

हिमाचलनाउ डेस्क | 19 दिसंबर 2024 at 9:25 am

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जेपीसी की अध्यक्षता और सदस्य
नई दिल्ली: वन नेशन, वन इलेक्शन (एक राष्ट्र, एक चुनाव) विधेयक के संबंध में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया है। इस समिति का नेतृत्व बीजेपी सांसद पीपी चौधरी करेंगे। कुल मिलाकर 31 सदस्यीय जेपीसी का गठन हुआ है, जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसद सदस्य होंगे।


जेपीसी में शामिल सांसद

लोकसभा सदस्य
लोकसभा से जिन सांसदों को जेपीसी का सदस्य बनाया गया है, उनमें प्रमुख सदस्य हैं:

  • प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस)
  • मनीष तिवारी (कांग्रेस)
  • सुप्रिया सुले (एनसीपी)
  • कल्याण बनर्जी (टीएमसी)
  • पीपी चौधरी (भा.ज.पा.)
  • बांसुरी स्वराज (भा.ज.पा.)
  • अनुराग सिंह ठाकुर (भा.ज.पा.)

अन्य सांसदों में धर्मेंद्र यादव (समाजवादी पार्टी), टी.एम. सेल्वगणपति (डीएमके), जीएम हरीश बालयोगी (टीडीपी), और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना, शिंदे गुट) शामिल हैं।

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विधेयक का विरोध

विपक्षी सांसदों का विरोध
मंगलवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक संसद में पेश किया गया था, जिस पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जताया। उनका कहना है कि इस बदलाव से सत्तारूढ़ दल को अनुचित लाभ हो सकता है, जिससे राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पर उसका असंगत प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, उनका यह भी कहना था कि इससे क्षेत्रीय दलों की स्वायत्तता कमजोर हो सकती है।


विधेयक का उद्देश्य और समर्थन

विधेयक का उद्देश्य
इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। पिछले सप्ताह कैबिनेट द्वारा अनुमोदित इस विधेयक को 269 सदस्यों ने समर्थन किया, जबकि 196 सदस्यों ने इसका विरोध किया।

गृह मंत्री अमित शाह का बयान
इस विधेयक को पेश करते समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा गया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जेपीसी के पास भेजने का सुझाव दिया, ताकि इस पर विस्तृत चर्चा हो सके।


निष्कर्ष

जेपीसी का कार्य और आगे की प्रक्रिया
अब यह विधेयक जेपीसी द्वारा जांचा जाएगा, और इसके बाद विस्तृत चर्चा के लिए संसद में पेश किया जाएगा। इसके माध्यम से पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की संभावना को लेकर जनमत और राजनीतिक पक्षों का आकलन किया जाएगा।

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