लखोटी के गिरि नदी पर 9 सालों से पुल के नाम पर नहीं लगी एक भी ईंट

 पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने 2012 ने रखी थी पुल की आधारशिला

HNN / शिमला

गिरि नदी के किनारे बीते नौ सालों से लावारिस पड़ा यह पत्थर किसी राम के इंतजार में है ताकि अहिल्या रूपी इस पत्थर का भी उद्धार हो सके। बता दें कि जुन्गा क्षेत्र के डुब्लु-लखोटी-शरगांव मार्ग के गिरि नदी पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा बीते 20 अगस्त, 2012 को आधारशिला रखी गई थी जिसमें 75 मीटर स्पेन का पुल निर्मित किया जाना प्रस्तावित था। इस दौरान पूर्व बागवानी मंत्री नरेन्द्र ब्रागटा और पूर्व सांसद वीरेन्द्र कश्यप भी साथ थे ताकि बलोग पंचायत के लोगो को सीमा पर सिरमौर जिला के शरगांव इत्यादि क्षेत्र को पुल के माध्यम से जोड़ा जा सके और लोगों को आने जाने की सुविधा उपलब्ध हो सके।

हैरत है कि किसी भी सरकार ने पुल के नाम पर आज तक एक ईंट भी नहीं लगाई। बता दें कि अगस्त,  2012 में पुल की आधारशिला रखी गई और दिसंबर में विधान सभा चुनाव होने पर सरकार बदल गई और यह पुल सियासी दंश का शिकार हो गया। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने पर इस पुल की सुध नहीं ली गई। गौर रहे कि इस क्षेत्र के लोगों को शरगांव जाने के लिए वाया गौड़ा होते हुए करीब 43 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है जबकि पुल लगने से दूरी मात्र आठ  किलोमीटर रह जाएगी।

क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पुल के नाम पर लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। गौर रहे कि कसुंपटी विस में बीते 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व रहा है। कांग्रेस विधायक नहीं चाहते थे कि पुल बनाने का श्रेय भाजपा को मिले। किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गिरि नदी पर पुल के नाम पर रखा गया पत्थर कसुंपटी विस के विकास की वास्तविक तस्वीर बयां करती है। इसके अतिरिक्त भी अनेक ऐसी योजनाएं इस विधानसभा में विकास को तरस रही है परंतु किसी भी सरकार ने आजतक इस क्षेत्र का सही परिप्रेक्ष्य में विकास नहीं किया है।

इनका कहना है कि कसुंपटी विस के लोग बहुत भोले भाले है और यही कारण है कि आजादी के 74 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह  विस क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। हैरत है कि पूर्व सीएम द्वारा रखी गई आधारशिला का भी किसी सरकार ने मान नहीं रखा। उन्होने कड़े शब्दों में कहा कि अगर इस पुल के निर्माण बारे सरकार ने कोई पग नहीं उठाया तो किसान सभा को मजबूरन आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा और किसान सभा कसुपंटी की जनता के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी।

सहायक अभियंता लोनिवि जुन्गा गुरमेल चंद  ने बताया कि इस पुल की डीपीआर बना दी गई है जिसे विभागीय मुख्यालय भेजा गया है । इसके अतिरिक्त पुल तक सड़क निर्माण के लिए निजी भूमि की गिफ्ट डीड देने बारे लोगों से आग्रह किया गया है ।


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