लखीमपुर खीरी घटना पर प्रधानमंत्री की खामोशी महाभारत के धृतराष्ट्र की मुद्रा में- सापरा

देश की आर्थिकी आईसीयू में, बढ़ती बेरोजगारी- महंगाई से लोग त्रस्त

HNN / शिमला

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुंबई प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष चरण सिंह सापरा ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में किसानों की निर्मम हत्या के दोषी आशीष को तुरंत गिरफ्तार करने, उसे भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को भी पद से हटाने की मांग करते हुए कहा है कि उनके पद पर रहते हुए इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए सापरा ने कहा कि केंद्र सत्ता बल, धनबल से दवाब बना कर इस मामलें को दबाने को पूरा प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अंधा कानून चल रहा है।

कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी को अबैध ढंग से हिरास्त में रखा गया। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। कांग्रेस इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। सापरा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस से 70 सालों का हिसाब मांग रही है जबकि उसने अपने सात साल में देश की सम्पतियों को बेचना शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों का ध्यान बांटने व खबरों की सुर्खियों में बने रहने के लिये अपना पूरा पब्लिसिटी मैनेजमेंट करती रही है।

सापरा ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी पूरी तरह महाभारत के धृतराष्ट्र की मुद्रा में है। उन्होंने कहा कि देश जिस गम्भीर चुनौती से गुजर रहा है उसे वह पूरी तरह अनदेखा किये हुए हैं। देश की आर्थिकी आईसीयू में है। बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई से लोग त्रस्त है। सापरा ने देश मे कोरोना की दूसरी लहर में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत को सरकार की विफलता करार देते हुए कहा कि ऑक्सीजन व अस्पतालों में बेड की कमियों ने सरकार की व्यवस्था की पोल खुल गई। उन्होंने कहा कि गंगा नदी शव वाहिनी बन कर रह गई और केंद्र सरकार अपनी पब्लिसिटी मैनेजमेंट में लगी हुई है।

सापरा ने देश मे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दवाब में छोटे कारोबारियों का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देश के भविष्य को बेचने की सुपारी ले रखी है। उन्होंने कहा कि विदेशी ई-कामर्स कम्पनी अमेजन कम्पनी ने पिछले दो सालों में भारत मे कानूनी फीस के नाम पर 8546 करोड़ का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि विधि मंत्रयालय का सालाना बजट 1100 करोड़ का है और अमेजन कम्पनी का कानूनी फीस का दो साल का बजट ही 8546 करोड़ है।

इस खुलासे के बाद अमेजन ने कथित तौर पर रिश्वत की बात स्वीकारी है।सापरा ने कहा है कि जबकि अमेरिका व भारत मे लॉबिंग व रिश्वत का पैसा देना अपराध है तो यह कैसे दिया गया। उन्होंने इस पूरे मामलें की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी सिटिंग जज से करवाने की मांग की है।


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