गुरु पदम संभव को समर्पित राज्य स्तरीय गुरु संज्ञास मेला रारंग में शुरू हो गया है। उपायुक्त किन्नौर ने दीप प्रज्वलन और ध्वजारोहण कर महोत्सव का उद्घाटन किया। पांच दिवसीय मेले में सांस्कृतिक संध्याओं, प्रतियोगिताओं और पारंपरिक आयोजनों से भरपूर कार्यक्रम होंगे।
किन्नौर
भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने वाला आयोजन
डॉ अमित कुमार शर्मा ने मेले का उद्घाटन करते हुए कहा कि किन्नौर की संस्कृति और मेलों की समृद्ध परंपरा सामाजिक एकता और मनोरंजन का जरिया बनती है। इन आयोजनों से न केवल लोक संस्कृति सहेजी जाती है, बल्कि लोगों को कठिन जीवनशैली से राहत भी मिलती है।
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स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का उत्सव
गुरु संज्ञास मेला किन्नौर की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह मेला गुरु पदम संभव को समर्पित है, जिसमें पारंपरिक खेलों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्थानीय लोकधारा को जीवित रखा जाता है।
प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक संध्याएं रहेंगी आकर्षण का केंद्र
पांच दिनों तक चलने वाले इस राज्य स्तरीय मेले में हर दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। इन संध्याओं में किन्नौर के कलाकार अपनी पारंपरिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। साथ ही विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी, जिनके विजेताओं को समापन समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में रही पारंपरिक छटा
कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रारंग, हिम ज्योति पब्लिक स्कूल और महिला मंडल शिलापुर की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। डाइट के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य नरेंद्र गुरुजी ने मेले के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला।
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