जनजातीय जिला किन्नौर में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित बैठक में उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने युवाओं को नशे से बचाने हेतु समाज के सभी वर्गों को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
रिकांग पिओ
नशा मुक्त भारत अभियान के लिए बनी समन्वित कार्य योजना
उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है, विशेषकर युवाओं में इसका फैलाव। इससे निपटने के लिए प्रशासन, पुलिस, विद्यालय और अभिभावकों को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी निभानी होगी।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
अभिभावकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण
उपायुक्त ने कहा कि बच्चों की सामाजिक गतिविधियों पर ध्यान रखना और उन्हें नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। जागरूकता ही सबसे बड़ा उपाय है जिससे युवाओं को इस विनाशकारी आदत से रोका जा सकता है।
1933 हेल्पलाइन से मिलेगी काउंसलिंग सुविधा
उन्होंने बताया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा स्थापित ‘मानस हेल्पलाइन 1933’ पर नशा पीड़ित युवा गोपनीय रूप से काउंसलिंग ले सकते हैं।
स्कूलों और पंचायतों में जागरूकता शिविर लगाने के निर्देश
जिला के विभिन्न विभागों को निर्देश दिए गए कि वे स्कूलों और पंचायत घरों में समय-समय पर जागरूकता शिविर आयोजित करें ताकि युवाओं को सही दिशा दी जा सके।
स्वास्थ्य शिविरों में भी दी जाएगी जानकारी
स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि वे अपने स्वास्थ्य शिविरों में भी नशा उन्मूलन की जानकारी दें और जागरूकता अभियान चलाएं।
पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों पर भी हुई चर्चा
बैठक में नशा पीड़ित युवाओं के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना और नशा मुक्ति केंद्रों को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया गया।
अधिकारियों की उपस्थिति और समर्पण
बैठक का संचालन जिला कल्याण अधिकारी नितिन राणा ने किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी, कॉलेज प्राचार्य डॉ. उत्तम चंद चौहान, उच्च शिक्षा उपनिदेशक डॉ. कुलदीप डोगरा, प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक डॉ. अरुण गौतम सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group