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माननियों की धक्का मुक्की / चोटिल हुए BJP सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत, राहुल गांधी पर धक्का देने का लगाया आरोप

हिमाचलनाउ डेस्क | 19 दिसंबर 2024 at 1:29 pm

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Himachalnow / Delhi

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ गुरुवार को संसद में प्रोटेस्ट के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी घायल हो गए। इस घटना ने संसद में तनाव को और बढ़ा दिया। बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अन्य सांसद को धक्का दिया, जिसके कारण प्रताप सारंगी को चोटें आईं।

राहुल गांधी पर आरोप: बीजेपी सांसदों का बयान
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने प्रोटेस्ट के दौरान दो बीजेपी सांसदों पर हमला किया। इसके बाद बीजेपी सांसदों ने इस घटना को लेकर विरोध जताया और राहुल गांधी पर नारेबाजी की। जानकारी के मुताबिक, प्रताप सारंगी के माथे पर चोट आई है। सारंगी ने कहा, “मैं सीढ़ियों के पास खड़ा था, तभी राहुल गांधी आए और एक सांसद को धक्का दिया, जो मेरे ऊपर गिर गया। इसके बाद मैं गिर गया।”

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राहुल गांधी का पलटवार
बीजेपी सांसद के गिरने के बाद राहुल गांधी ने पलटकर उन्हें देखने के लिए कदम बढ़ाया, लेकिन इस बीच सत्ता पक्ष के सांसदों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया। इस दौरान बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे की आवाज सुनाई दी, “क्या राहुल, शर्म नहीं आती? गुंडागर्दी करते हो, बूढ़े को गिरा दिया।” इसके बाद राहुल गांधी ने जवाब दिया, “इन्होंने मुझे धक्का दिया।” फिर वह वापस लौट गए।

राहुल गांधी का बयान: बीजेपी सांसदों पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि इस घटना के दौरान कैमरे में सब कुछ कैद हो गया। उन्होंने कहा, “मैं सदन में जाने की कोशिश कर रहा था। बीजेपी के सांसदों ने मुझे धकेला और धमकाया। खड़गे जी को भी धक्का दिया। हमें धक्का-मुक्की से कुछ नहीं होता है। बीजेपी के सांसद हमें संसद में जाने से नहीं रोक सकते।” राहुल गांधी ने आगे कहा, “संसद में जाना मेरा अधिकार है। मुझे रोकने की कोशिश की गई। बीजेपी के सांसदों ने हमें संसद के भीतर जाने से रोका। वे मुझे लगातार धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे।”

कांग्रेस का खंडन
कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का जोरदार खंडन किया। कांग्रेस नेताओं ने इस घटना के संबंध में किसी भी तरह की शारीरिक हिंसा के आरोपों से इंकार किया और इसे केवल राजनीतिक विरोध का हिस्सा बताया।

यह घटना संसद में होने वाले विरोध प्रदर्शनों और टकरावों की एक और मिसाल बन गई, जहां दोनों पक्षों के बीच तीखी नोक-झोंक और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बन गई है।

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