हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की मतदाता सूचियों को तैयार करने में गंभीर लापरवाही सामने आई है। मंडी और चंबा जिलों की कुछ ग्राम पंचायतों ने 2025 के बजाय 2022 के प्रारूप पर सूची तैयार की, जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने कड़ा कदम उठाया है।
शिमला।
निर्वाचन आयोग ने दिखाई सख्ती
राज्य निर्वाचन आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे आयोग के निर्देशों की भावना के विपरीत बताया है। इसी क्रम में सात पंचायत सचिवों, एक पंचायत निरीक्षक और एक उप पंचायत निरीक्षक को निलंबित किया गया है। साथ ही दो बीडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 243 (के) और हिमाचल प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा 160 (ई) के तहत की गई है।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
ये अधिकारी हुए निलंबित
निलंबित अधिकारियों में बलविंदर सिंह उप पंचायत निरीक्षक भरमौर, नीना देवी पंचायत सचिव औरा, गौरव कुमार पंचायत सचिव बजोल, राकेश कुमार पंचायत सचिव होली, आशीष कुमार पंचायत निरीक्षक निहरी, टेक चंद पंचायत सचिव झुंगी, ठाकुर दास पंचायत सचिव बेहली (ड्रमट), इंद्र सिंह पंचायत सचिव बोई और पवन कुमार पंचायत सचिव शिंगल शामिल हैं। सभी का मुख्यालय अस्थायी रूप से संबंधित जिला पंचायत अधिकारी के कार्यालय में तय किया गया है।
जांच अधिकारी किए नियुक्त
भरमौर ब्लॉक के मामलों की जांच अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट भरमौर करेंगे, जबकि निहरी ब्लॉक के मामलों की जांच उपमंडलीय अधिकारी सुंदरनगर करेंगे। आयोग ने निर्देश दिया है कि जांच अधिकारी शीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
लापरवाही का यह है मामला
आयोग ने पंचायत सचिवों को ग्राम सभा में मतदाता सूची का संभावित प्रारूप पेश करने के निर्देश दिए थे, पर निलंबित अधिकारियों ने 2022 की सूची को ही दोबारा जमा कर दिया। इसी लापरवाही के कारण मतदाता सूची की वैरीफिकेशन के दौरान मामला उजागर हुआ और तुरंत कार्रवाई की गई।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





