मोर्चों के अध्यक्षों ने दिखाई ‘एकता में शक्ति’ और ‘बैलेंसिंग एक्ट’
हिमाचल नाऊ न्यूज़ शिमला।
हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में इन दिनों नेताओं की तरह कुर्सियों को भी संगठनात्मक मज़बूती की हवा लग गई है। पार्टी ने ‘पार्टी कार्यों को गति देने’ के नाम पर, अपने छह प्रमुख मोर्चों—युवा, महिला, किसान, अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी—में प्रदेश स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक बड़े पैमाने पर ‘ऑल इंडिया जिलाध्यक्ष फ़ाइनल’ प्रतियोगिता के विजेता घोषित कर दिए हैं।
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शीर्ष नेतृत्व से लम्बी ‘चाय पे चर्चा’ के बाद ये नियुक्तियाँ की गई हैं। सूत्रों की मानें तो यह घोषणा इतनी गोपनीय थी कि इसे एक साथ जारी करने के लिए सभी मोर्चों के अध्यक्षों को एक ही कमरे में बंद कर दिया गया था, ताकि किसी भी मोर्चे का ‘बॉस’ दूसरे मोर्चे के ‘बॉस’ से पहले अपनी लिस्ट न जारी कर दे।
इस महायज्ञ में, युवा मोर्चा अध्यक्ष सन्नी शुक्ला ने युवाशक्ति को आगे बढ़ाते हुए चंबा से मिलाप ठाकुर, कांगड़ा से तपन मिन्हास, नूरपुर से सभ्य लोटिया, पालमपुर से राकेश भट्ट, लाहौल-स्पीति से अमीर ठाकुर, कुल्लू से दिग्विजय आनंद, मंडी से योगराज डोगरा, सुंदरनगर से उत्कर्ष चौधरी, हमीरपुर से शुभम पठानिया, बिलासपुर से रामपाल चौधरी, सोलन से भूपिंदर ठाकुर (सन्नी), सिरमौर से अरनब समरान, महासू से नवजोत शर्मा, शिमला से सुमित ठाकुर और किन्नौर से नवकरण सिंह बोरिस को जिम्मेदारी सौंपी है।
वहीं, महिला मोर्चा अध्यक्षा डॉ. डेजी ठाकुर ने साबित कर दिया कि वह ‘शक्ति’ पर विश्वास रखती हैं। उन्होंने चंबा से कांता ठाकुर, कांगड़ा से मोनी धीमान, नूरपुर से सुमन देवी, देहरा से कमलेश कुमारी, पालमपुर से सीमा चौधरी, लाहौल-स्पीति से मीना ठाकुर, कुल्लू से बिंदिया सूद, मंडी से सीमा शर्मा, सुंदरनगर से नीलम परमार, हमीरपुर से अर्चना चौहान, ऊना से अनु ठाकुर, बिलासपुर से रचना ठाकुर, सोलन से दर्पणा ठाकुर, सिरमौर से शिवानी वर्मा, महासू से अनीता खलास्टा और किन्नौर से सत्या देवी को नई जिम्मेदारी दी।
किसानों के मसीहा कहे जाने वाले किसान मोर्चा अध्यक्ष संजीव देष्टा ने भी पीछे न हटते हुए चंबा से नरेंद्र ठाकुर, कांगड़ा से महेद्र राणा, नूरपुर से हंसराज शर्मा, देहरा से राजकुमार खरियाल, पालमपुर से राजेश कुमार, लाहौल-स्पीति से टाशी ज्ञालसन, कुल्लू से दुनी चंद, मंडी से दलीप कुमार, सुंदरनगर से देशराज, हमीरपुर से अनिल कुमार, ऊना से धर्मेंद्र राणा, बिलासपुर से राम गोपाल ठाकुर, सोलन से राकेश गौतम, सिरमौर से अविनाश सैनी, महासू से संदीप रोल्टा, शिमला से दिनेश ठाकुर और किन्नौर से महेंद्र तेशम की नियुक्ति की।
संगठनात्मक मज़बूती की दौड़ में आरक्षित मोर्चे भी पीछे नहीं रहे। अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष सुनील नेगी ने चंबा से चरणजीत, कांगड़ा से नरेंद्र पठानिया, नूरपुर से अमित शर्मा, पालमपुर से रोहित कपूर, लाहौल-स्पीति से मंगल चंद मनेपा, कुल्लू से चंदा प्रधान, मंडी से बलवंत कुमार यादव, ऊना से हरिचंद बाबा, बिलासपुर से रामलाल, सोलन से नारायण दास, सिरमौर से मोरध्वज चौहान, महासू से रोहित नेगी, शिमला से जयचंद नेगी और किन्नौर से सुभाष चंद को जिलाध्यक्ष घोषित किया।
ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष रामलोक धनोटिया ने चंबा से जोगिद्र सिंह, कांगड़ा से विजय कुमार, नूरपुर से पवन चौधरी, पालमपुर से सुनील चौधरी, देहरा से मोहिंद्र सिंह, कुल्लू से बलवीर सिंह, मंडी से प्रकाश चंद, सुंदरनगर से विजय भारद्वाज, हमीरपुर से संजय कुमार, ऊना से मनोहर लाल, बिलासपुर से खुशीराम, सोलन से नसीब सिंह सैणी और सिरमौर से ओमप्रकाश को जिम्मेदारी दी।
अंत में, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष मनीष चौहान ने चंबा से नर सिंह धीमान, कांगड़ा से राजेश हीर, नूरपुर से सोगरा, पालमपुर से अमीचंद, देहरा से कमल नयन डोगरा, लाहौल-स्पीति से रमेश चंद गुलेपा, कुल्लू से गंगा सिंह, मंडी से खेम चंद संध्याना, सुंदरनगर से ख्यालीराम शास्त्री, हमीरपुर से राजकुमार, ऊना से सूरम सिंह, बिलासपुर से बेली राम टैगोर, सोलन से अमर संधू, सिरमौर से संदीपक तोमर, महासू से विकेश जिंटा और शिमला से पूर्णमल को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में हुई ‘कुर्सियों की अदला-बदली’ यह दर्शाती है कि हर नवनियुक्त ‘बॉस’ को अब ज़िले में यह साबित करना होगा कि वह पिछली कुर्सी वाले से ‘ज़्यादा गति से पार्टी कार्यों को अंजाम’ दे सकता है या सिर्फ़ व्हाट्सएप ग्रुपों में ही ‘संगठनात्मक मज़बूती’ दिखाई देगी।
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