प्रदेश के एकमात्र अंतिम आजाद हिंद फ्रीडम फाइटर दुनिया को कह गए अलविदा
HNN / पच्छाद
आजाद हिंद फौज में रहे एकमात्र प्रदेश के अंतिम फ्रीडम फाइटर्स हीरा सिंह ठाकुर दुनिया को अलविदा कह गए हैं। फ्रीडम फाइटर हीरा सिंह का देहांत शनिवार की सुबह 8:30 बजे उनके पैतृक गांव शोटी में हुआ। आजाद हिंद फौज के सिपाही हीरा सिंह ठाकुर का जन्म 2 अक्टूबर 1926 को पच्छाद के शडिया पंचायत गांव सोटी में हुआ था। 95 वर्ष की आयु में अभी तक फ्रीडम फाइटर बिल्कुल तंदुरुस्त है। उनके पोते धीरज के अनुसार 2 दिन पहले उन्हें बुखार हुआ था जिसकी दवा भी उन्होंने ली थी, मगर सुबह अचानक उनका देहांत हो गया।
उनकी इस दुखद मृत्यु का समाचार सुनकर ना केवल उनका गांव बल्कि पूरा प्रदेश शोक ग्रस्त है। गौरतलब हो कि हीरा सिंह ठाकुर मई 1942 में आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे। आजाद हिंद फौज में बतौर हवलदार सिंगापुर वर्मा नागालैंड तथा आसाम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ आजादी के संग्राम में जुटे रहे। यही नहीं प्रदेश के अंतिम बचे एकमात्र आजाद हिंद फौज के फ्रीडम फाइटर ने 2 साल दिल्ली लाल किला तथा अटक में कारावास भी भोगा। हीरा सिंह ठाकुर एक मिलनसार और सामाजिक व्यक्ति भी रहे।
बड़ी बात तो यह है कि लोकतंत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका समझते हुए वह वोट डालने से कभी नहीं चूकते थे। देश के मौजूदा हालातों और नशा तथा रिश्वतखोरी आदि को लेकर अक्सर चिंता भी किया करते थे। हीरा सिंह ठाकुर अक्सर कहा करते थे देश के अधिकतर युवा आजादी क्या होती है यह नहीं जानते। वह यह भी कहा करते थे कि जो आजादी हमें मिली है वह इतनी आसान नहीं थी ना जाने कितने दिन भूखे और कितने दिनों देश और विदेश खतरनाक जंगलों की खाक छानते हुए अंग्रेजों को ललकारा करते थे। आज उनके किस्से इतिहास बनकर रह गए हैं।
मगर देव भूमि हिमाचल प्रदेश को फक्र होगा कि उसकी कोख से आजाद हिंद फौज के एक जांबाज सिपाही ने जन्म लिया था और उसी माटी में आज फिर से आजाद हिंद फौज का यह सिपाही समा गया है। उनके परिवार में उनके अब दो बेटे और उनके पोते-पोतिया हैं। उनके पोते धीरज अक्सर दादा की मजबूत इरादों और हौसलों को देखकर दूसरों को भी प्रेरणा देते रहे हैं। उनके परिजनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फ्रीडम फाइटर का अंतिम संस्कार शनिवार को लगभग 3:00 और 4:00 के बीच किया जाएगा।
उधर, जिला सिरमौर उपायुक्त राम कुमार गौतम द्वारा आजाद हिंद फौज के सिपाही के स्वर्गवास पर अफसोस व्यक्त करते हुए उनका अंतिम संस्कार मान-सम्मान के साथ किए जाने की बात कही है। उन्होंने स्थानीय एसडीएम को कहा कि पूरे मान-सम्मान और रीत के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाये।