पवन तोमर राजगढ़
बरू साहिब एटरनल यूनिवर्सिटी में “भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में अनुसंधान की भूमिका” पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ।

सम्मेलन में शिक्षा, समाज, पर्यावरण, उद्यमिता, कृषि और वित्त आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई।
शनिवार को पंजीकरण और शबद कीर्तन से सम्मेलन का आगाज हुआ।
जबकि पूर्व अध्यक्ष (एनसीवीईटी) निर्मलजीत कालसी भतार मुख्य अतिथि कार्यक्रम में मौजूद रहे।
विशिष्ट अतिथियों में डॉ. बासवराजु आर. श्रीष्ठा और पी.वी.एस. सूर्यकुमार भी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा डॉ. दविंदर सिंह के द्वारा की गई । इस महा सम्मेलन के पहले दिन नवाचार, स्टार्टअप, ग्रामीण विकास, कृषि नीति, सस्टेनेबिलिटी और वित्तीय समावेशन पर सत्र आयोजित हुए। जबकि देर शाम को छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भारतीय संस्कृति और शिष्टाचार का प्रमाण भी दिया।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
रविवार को विभिन्न क्षेत्रों के वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। डॉ. दिपायन डे ने पर्यावरणीय अर्थशास्त्र पर बात की तो लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. सिंह ने आत्मनिर्भर भारत की चुनौतियों पर जानकारी साझा करी।
मनीष वर्मा ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर प्रस्तुति देते हुए शिक्षा, डिजिटल बदलाव और मानव संसाधन विकास पर भी चर्चा करी।
यह सम्मेलन शोधार्थियों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण मंच रहा। सभी ने भारत के विकास में अनुसंधान के महत्व पर गहन संवाद किया।
कालगिधर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. दविंदर सिंह और एटरनल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जसविंदर सिंह जी ने सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. नीलम कौर भी विशेष रूप से इस सम्मेलन में शामिल हुईं।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group