HNN / काँगड़ा
विद्यार्थियों को स्कूली और पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ-साथ आज संस्कारों और मूल्यों की शिक्षा देना भी अति आवश्यक है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मनेई के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि विद्यालय स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त भारत और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर कार्य करें। उन्होंने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में सफलता का आधार होती है।
उन्होंने अध्यापकों से आह्वान किया कि वह बच्चों को गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करें ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी काल में अनुशासन, परिश्रम की आदत बनानी चाहिए ताकि इसका लम्बे समय तक लाभ मिल सके। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे खुद नशे से दूर रहते हुए इसकी बुराइयों को लेकर अपने आसपास के हर व्यक्ति को जागरूक करने का प्रयास करें।
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उन्होंने कहा कि नशे की समस्या न केवल एक व्यक्ति को कमजोर करती है, बल्कि पूरे परिवार की खुशियों को नष्ट करती है।सरवीण ने कहा कि आज समय कौशल विकास और डिजिटाइजेशन का है, इस हेतु स्कूल विद्यार्थियों के कौशल विकास की दिशा में विशेष ध्यान दें।
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