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प्राइमरी स्कूल में अधूरे भवन के पिल्लर गिरने से टला बड़ा हादसा

HNN/ शिमला

मशोबरा ब्लाॅक के राजकीय प्राइमरी स्कूल में धाली के अधूरे एंव जर्जर भवन के पिल्लर गिरने से बड़ा हादसा टल गया। इस घटना में किसी भी स्कूली बच्चे को चोटें नहीं आई। हालांकि पिल्लर पर छत नहीं लगी थी जिस कारण कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ। बता दें कि सोमवार को प्राइमरी स्कूल धाली में बच्चों को दोपहर का खाना परोसा जा रहा था कि अचानक अधूरे भवन के बाहर बरामदें में खड़े किए गए ईंट के पिल्लर गिर गए।

अध्यापक के अनुसार पिल्लर को गिरता देख इसके नजदीक बैठे बच्चे उठकर भाग खड़े हुए। जिसके चलते स्कूल में एक बहुत बड़ा हादसा होने से टल गया। स्कूल के शिक्षकों से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि स्कूल में बीते आठ वर्षों से एक कमरा निर्माणाधीन है। कमरा में आजतक छत नहीं लग पाई है जिससे कमरे की दीवारे जर्जर हो गई है और कमरे के बाहर बरामदें में लगे दो ईंट के पिल्लर भी दयनीय हालत में हो चुके थे जिसके गिरने से खाना खा रहे बच्चे बाल-बाल बच गए।

स्थानीय लोगों के अनुसार 1964 में पीरन पंचायत के धाली में प्राइमरी स्कूल खुला था। अर्थात 58 साल बीत जाने के उपरांत इस स्कूल में वर्तमान बच्चों के बैठने के लिए केवल एक कमरा है जिसमें पहली से पांचवी कक्षा तक के 57 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि बीेते एक वर्ष से कोई भी रेगुलर अध्यापक इस स्कूल में कार्यरत नहीं है। विभाग द्वारा औपचारिकता स्वरूप एक शिक्षक को डेपुटेशन पर भेजा जाता है। बता दें कि इस स्कूल में ग्रामीण परिवेश के गरीब व अधिकांश बच्चे अनुसूचित जाति वर्ग के पढ़ाई करते हैं।


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