HNN/ राजगढ़
बीते नौ वर्षों से राजकीय उच्च विद्यालय धरोटी स्कूल का निर्माण कार्य अधर में लटका है। दो सरकारों का कार्यकाल भी पूरा हो गया परंतु किसी भी सरकार ने धरोटी स्कूल के अधूरे भवन की सुध नहीं ली जिसके चलते स्थानीय लोगों में सरकार व विभाग के प्रति नाराजगी देखी गई है। बता दें राजगढ़ के समीप खैरी रोड़ पर राजकीय उच्च विद्यालय के नए भवन की आधारशिला राज्य योजना बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष जीआर मुसाफिर द्वारा 24 दिसंबर, 2013 को रखी गई थी।
इस कार्य के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान अर्थात रमसा के तहत 45.75 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी जिसके तहत रमसा के मापदंडों के अनुरूप दो क्लास रूम, एक परीक्षा हॉल और प्रयोगशाला रूम निर्मित किया जाना प्रस्तावित था। प्रदेश सरकार द्वारा यह कार्य हिमुडा को सौंपा गया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2014 में इस भवन का निर्माण आरंभ किया गया था परंतु धनाभाव के चलते 2016 में निर्माण बंद कर दिया गया जोकि आज तक लंबित पड़ा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, नौ वर्ष बीत जाने के बावजूद भी धरोटी स्कूल का निर्माणाधीन भवन खंडहर में तबदील हो चुका है। निर्माणाधीन भवन के चारों ओर घास उग चुकी है। दीवार व खिड़कियों की चौखटे भी बारिश के कारण सड़ने लग चुकी है। यह भवन लावारिस बनकर रह चुका है। नया भवन न बनने से स्कूली बच्चों के बैठने की पुराने भवन में उचित व्यवस्था नहीं है।
कोठिया जाजर पंचायत के प्रधान अरूण शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा अनेकों बार प्रस्ताव पारित करके सरकार व शिक्षा विभाग को भेजे जा चुके हैं यहां तक कि स्थानीय विधायक रीना कश्यप से भी कई बार इस अधूरे भवन को पूरा करने बारे गुहार लगाई जा चुकी है परंतु खेद का विषय है कि किसी भी स्तर पर आजतक सुनवाई नहीं हो सकी। इस क्षेत्र के लोगों ने आगामी चुनाव में इसका कड़ा जवाब देने का मन बना लिया है।
स्थानीय प्रधान का आरोप है कि इस भवन के निर्माण कार्य में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। इनका कहना है कि वर्ष 2014 में रमसा के मापदंडों के अनुसार, दो कमरों, एक हॉल और एक लैब के निर्माण के लिए 45.75 लाख की राशि पर्याप्त थी और इस योजना के तहत अनेक स्थानों पर रमसा की धनराशि से भवन बनाए गए थे। अरूण शर्मा ने सरकार से मांग की है कि अधूरे भवन की किसी तकनीकी एजेंसी से जांच करवाई जाए जिससे इस कार्य में भष्ट्राचार होने की असली तस्वीर सामने आएगी।
अरूण शर्मा का आरोप है कि राजगढ़ क्षेत्र में आयोजित जनमंचों में भी धरोटी स्कूल के अधूरे भवन बारे अनेकों बार मुद्दा उठाया गया परंतु जनमंच में इसका कोई समाधान नहीं हो सका है। बताया कि अधूरे भवन के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री बारिश से खराब हो चुकी है और अब इसे तोड़ कर नया भवन बनाया जा सकता है। अरूण का आरोप है कि शिक्षा विभाग और हिमुडा की लापरवाही के चलते सरकार को 46 लाख की चपत लग चुकी है जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
उधर, हिमुडा के कनिष्ठ अभियंता सोलन हुमेश कुमार ने बताया कि धन की कमी के चलते इस भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं सका है। बताया कि इस भवन के पुनर्निमाण के लिए करीब एक करोड़ का प्राक्कलन तैयार करके हिमुडा के मंडल कार्यालय को भेजा गया है।