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Exclusive Report By: Shailesh Saini

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नेसंगिक सौंदर्य और देव संस्कृति के साथ किन्नौर को मिला वैश्विक साहित्यिक मंच

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रिकांग पिओ

जगत सिंह नेगी ने किया किन्नौर लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारंभ, सांस्कृतिक धरोहरों को बताया गौरव

किन्नौर की संस्कृति को वैश्विक मंच पर मिली नई पहचान
किन्नौर के आईस स्केटिंग रिंक, कल्पा में आयोजित दो दिवसीय किन्नौर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर का सांस्कृतिक वैभव, देव परंपराएं और विविधता इसे एक अनूठा साहित्यिक परिचय देती हैं, जो वैश्विक पटल पर इसकी अलग पहचान बनाती है।

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नई पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने की जरूरत पर बल
मंत्री ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध संस्कृति का ज्ञान होना जरूरी है, ताकि वह अपने अतीत से जुड़ सके और जनजातीय परंपराओं को आगे बढ़ा सके। उन्होंने छात्रों में साहित्य और संस्कृति के प्रति रुचि को देखकर संतोष व्यक्त किया और इसे सराहनीय बताया।

इतिहास, साहित्य और बदलावों पर पैनल चर्चा
महोत्सव के तहत आयोजित पैनल चर्चा में प्रोफेसर विद्या सागर नेगी, प्रो. स्नेह लता नेगी, दीपक सानन, सोहेल हाशमी, गोलदार नेगी, रोशन लाल नेगी, चेतन सिंह व प्रमति ने भाग लिया। चर्चा में किन्नौर के इतिहास, बदलते परिवेश और तिब्बती बौद्ध प्रभाव समेत स्थानीय विरासत के संरक्षण पर गहन विचार साझा किए गए।

बौद्ध धर्म का संदेश और स्थानीय प्रशासन का सहयोग
फेस्टिवल में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का शुभ संदेश भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों का पारंपरिक अंदाज में स्वागत करते हुए कहा कि यह फेस्टिवल साहित्यिक संवाद का महत्वपूर्ण मंच है।

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