लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

नशे के खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई : छह माह में ध्वस्त होगा नेटवर्क

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

Himachalnow / शिमला

अवैध नशीले पदार्थों के कारोबार में संलिप्त लोगों को नहीं मिलेगी राहत

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि राज्य में नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आगामी छह महीनों में मिशन मोड में व्यापक अभियान चलाया जाए। उन्होंने पुलिस और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

नशा तस्करों और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करी में शामिल पाए जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ नशा तस्करी के पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीआईटी-एनडीपीएस (स्वापक औषधियों और मनः प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम) अधिनियम को पूरी सख्ती से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने पूछा कि इन मामलों के निष्पादन में देरी क्यों हो रही है और सभी मामलों की एक सप्ताह के भीतर समीक्षा कर त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए।

तस्करों की संपत्ति जब्त करने और बैंक खातों की जांच के आदेश

सरकार ने नशा तस्करों और उनके सहयोगियों की संपत्ति जब्त करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों की जांच करने का निर्देश दिया।

विशेष टास्क फोर्स का गठन

नशा तस्करी की समस्या से निपटने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इसके साथ ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और अधिक सशक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपना रही है और वे स्वयं इस अभियान की निगरानी करेंगे।

पंचायत स्तर पर होगी नशा तस्करों और पीड़ितों की मैपिंग

मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि वे पंचायत स्तर पर नशा तस्करों और पीड़ितों की पहचान कर 15 मार्च 2025 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और नंबरदारों को भी अभियान में शामिल किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो पुलिस अधिकारी नशा तस्करी के मामलों में कार्रवाई करने में आनाकानी करेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

एनडीपीएस मामलों की त्वरित सुनवाई और नया कानून

राज्य सरकार एनडीपीएस मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय स्थापित करने पर विचार कर रही है। साथ ही, पैरोल के प्रावधानों को सख्त बनाने के लिए भी ठोस प्रयास किए जाएंगे। आगामी बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग एक्ट प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें नशा तस्करों और पीड़ितों के बीच स्पष्ट अंतर होगा। सरकार सिरमौर जिले के कोटला बेहड़ में पीड़ितों के लिए अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र स्थापित कर रही है।

अवैध दवाओं की बिक्री पर कड़ा प्रहार

मुख्यमंत्री ने फार्मा कंपनियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। यदि कोई कंपनी साइकोट्रोपिक दवाओं की अवैध बिक्री में संलिप्त पाई जाती है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। ऐसी कंपनियों के लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता अभियान

राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को इन दवाओं के दुष्प्रभावों से अवगत कराना बेहद जरूरी है, ताकि युवा इस खतरे से बच सकें।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, ओंकार चंद शर्मा, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, महानिदेशक (सीआईडी) एस.आर. ओझा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव आशीष सिंघमार और राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. यूनुस सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें