दीपक शर्मा ने प्रदेश सरकार पर लगाएं गंभीर आरोप, कहा- प्रदेश को 550 बेड का…….

HNN/ मंडी

जिला कांग्रेस कमेटी मंडी के पूर्व अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार केवल भाषणों में ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने की बात करती है परन्तु यथार्थ में कुछ भी नहीं किया जाता है। प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पूरे प्रदेश को कम से कम 550 बेड का सीधा नुक्सान हुआ है क्योंकि केंद्र सरकार ने पहली किस्त जारी करने के बाद अगली किस्त उस शर्त पर जारी करनी थी अगर सभी जिलों में 50-50 बेड का काम शुरू हो जाता। ये आरोप जिला कांग्रेस कमेटी मंडी के पूर्व अध्यक्ष दीपक शर्मा ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में प्रदेश सरकार पर लगाएं है।

दीपक शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने 2018 में सभी राज्यों को हर जिला मुख्यालय में 50 50 बेड के आयुष अस्पताल खोलने के निर्देश दिए थे जिसका सारा खर्चा केंद्र का होना था और हिमाचल में कुल मिलाकर आयुष के 550 बेड होने थे। जिसके लिए 2018 में मंडी व कुल्लू जिला के लिए 25- 25 लाख की पहली किस्त भी जारी कर दी गई थी। परन्तु आज भी मंडी जिला के आयुष अस्पताल की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिसके लिए पिछले चार सालों से जमीन ट्रांसफर ना होने का बहाना बनाया जाता है।

जबकि मॉल बनाने के लिए सरकार ने तुरन्त स्कूल की जमीन कुछ ही दिनों में ट्रांसफर करने में चुस्ती दिखाई ऐसी चुस्ती आयुष अस्पताल को बनाने में दिखाती तो बेहतर होता। दीपक शर्मा ने कहा कि मंडी में आयुष अस्पताल ना बना पाना सरकार की एक बहुत बड़ी नाकामी है। ऐसा लगता है कि सरकार की मंडी की जनता को आयुष पद्धति द्वारा चिकित्सा उपलब्ध करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और आयुष को कोई महत्व नहीं देना चाहती है। दीपक शर्मा ने कहा कि मंडी जिला जनसंख्या की दृष्टि से एक बहुत बड़ा जिला है यहां पर कम से कम 200 बेड का आयुष अस्पताल होना आवश्यक है क्योंकि पिछले कुछ सालों से लोगों का आयुर्वैद को लेकर रुझान बढ़ा है।

वर्तमान में मंडी में मौजूदा स्थिति में 10 बेड का ही अस्पताल है जबकि गौर करने वाली यह बात है कि जिला आयुर्वेदिक अस्पताल मंडी में पंचकर्म के अधिक मरीज आते हैं और एक मरीज को कम से कम 10 दिन तक एडमिट रहना पड़ता है इसके साथ ही क्षार सूत्र चिकित्सा के मरीज भी लगातार आते हैं परन्तु अधिक बेड ना होने के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ता है और वो आयुष पद्धति का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। कोरोना काल में आयुष अस्पताल का और अधिक महत्व बढ़ जाता है और यह अगर बन के तैयार होते हैं तो यह करोना काल में बड़े काम आ सकते थे।

दीपक शर्मा ने कहा की आयुष अस्पताल में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी चिकित्सा ,पंचकर्म चिकित्सा पद्धतियां लोगों को मुहैया होनी थी जिसके कारण लोगों को सस्ता व इलाज उपलब्ध होना था। दीपक शर्मा ने कहा अब ऐसा अंदेशा है कि जो पैसा केंद्र से आना था वो राशि प्रदेश सरकार की लापरवाही से लेप्स होने की कगार पर है। दीपक शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस जिले से सम्बन्धित है तो उन्हें शीघ्र इसका संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद जिला की जनता को आयुर्वेदा का इलाज नए अस्पताल में उपल्ब्ध करवाना चाहिए।


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