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टमाटर ने लगाया दोहरा शतक, अन्य सब्जियां भी हुई आम आदमी की पकड़ से बाहर

Ankita | Aug 1, 2023 at 3:34 pm

मंडी में बिका किसानों का टमाटर 80-100 के बीच, दुकानदार कमा रहे हैं दोहरा मार्जन

HNN/ नाहन

नाहन शहर में बीते कुछ दिनों से बारिश से तो लोगों को राहत मिली है, मगर सब्जियों के दामों में राहत नहीं मिल पा रही है। अब यदि बाज़ार के हालत पर नज़र डाली जाये तो टमाटर 200 रुपए से नीचे जाने का नाम नहीं ले रहा है। जिसका सबसे बड़ा असर शादी-ब्याह सहित अन्य कार्यक्रमों के दौरान होने वाले प्रीतिभोज पर दिखाई दे रहा है। शिमला मिर्च 160, लोकी 50, करेला 60, कद्दू 30, खीरा 40, बैंगन 60, गोभी 100, तोरी 60 रुपए प्रतिकिलो मिल रही है।

सब्जियों के महंगी होने की सबसे बड़ी वज़ह हरियाणा पंजाब आदि क्षेत्रों के किसानों के खेतो में खड़ा पानी बताया जा रहा है। जिसके चलते किसानों की नकदी फसलें लगभग तबाह हो चुकी है। जिला सिरमौर में हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रो की सब्जियां भी शुरू हो चुकी हैं जिसमें मूली, ब्रोकली, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च, और फूलगोभी तथा पत्तागोभी शामिल है। बावजूद इसके प्रदेश की अपनी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे है।

नाहन बाज़ार में अधिकतर सब्जी विक्रेता मंडी से लाइ सब्जियों पर 7 प्रतिशत आढ़त देने की बावजूद मंडी के दाम से कई गुना ज्यादा पैसा वसूल कर रहा हैं। बाज़ार की बिगड़ी स्थिति में प्रशासन की लापरवाही भी साफ़ झलक रही है। जिसकी बड़ी वज़ह अधिक सब्जी विक्रताओं के द्वारा रेट लिस्ट न लगाई जाना भी मानी जा रही है। अधिकतर सब्जी विक्रेता उपभोक्ताओं से मनमाने दाम वसूल कर रहे है।

वहीं यदि फलों की बात की जाए तो फलों का राजा कहलाने वाला आम काफ़ी राहत भी दे रहा है। बाज़ार में उपलब्ध लंगड़ा, दशहरी आम 25 रुपए से 50 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है। जबकि सेब के दाम अभी 150 रुपए प्रतिकिलो से नीचे नहीं उतर पा रहे है। फलों में अंगूर, संतरा, कीवी, मौसमी आदि बहुत कम नज़र आ रहे है। कुल मिला कर यदि दामों में राहत की बात की जाए तो मौजूदा समय में चाहे सब्जी हो या चाहे फल दोनों ही निम्न और मध्य वर्ग के लोगो की पहुंच से बाहर हैं।

बाज़ार में राणा जी फ़ूड की फ़िरोज़न सब्जिया भी आती थी मगर इस फैक्ट्री में भी भारी बारिश और कीचड़ से हुए नुक्सान से सभी तरह की प्रोडक्शन रुक गई है। जिसके चलते फ़िरोज़न सब्जियां भी बाज़ार में उपलब्ध नहीं हो पा रही है। अब यदि सब्जियों के राजा कहलाने वाले आलू की तरफ नज़त डाली जाए तो अधिकतर रास्ते बंद होने के कारण पहाड़ी ढाकरी आलू बाज़ार तक नहीं पहुँच पा रहा है।

ऐसे में लोगो को हरियाणा पंजाब का आलू 30 रुपए और 40 रुपए प्रतिकिलो खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कुल मिला कर यदि बात की जाए तो इस बार भारी बारिश के चलते आम आदमी के साथ साथ सब्जियों को भी भारी नुक्सान उठाना पड़ा है।

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