HNN/चंबा
उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा को लेकर उपायुक्त कार्यालय के सभागार में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर से 27 नवंबर तक जिला में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 29 नवंबर को राष्ट्रीय कृमि नाशक दिवस का आयोजन भी होगा।
सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के तहत शिशुओं तथा बच्चों को ओआरएस व जिंक की दवा वितरित की जाएंगी। इसी तरह 29 नवंबर को बच्चों एवं किशोरों को कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। इसके तहत 165962 शिशुओं, बच्चों तथा किशोरों को कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। इसी तरह 5 वर्ष आयु तक के 50224 बच्चों को 100548 ओआरएस पैकेट और 703836 जिंक की गोलियां वितरित की जाएगी।
इसके अलावा एक वर्ष से 5 वर्ष तक की आयु वाले 43397 बच्चों को विटामिन ए की खुराक भी पिलाई जाएगी। अपूर्व देवगन ने सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े तथा कृमि नाशक दिवस को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई कार्य योजना की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। अभियान के तहत विभिन्न विभागीय और संस्थाओं की भूमिका एवं उत्तरदायित्व को लेकर उपायुक्त ने पंचायती राज संस्थाओं से ग्रामीण स्तर पर जानकारी और जागरूकता को लेकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को इस दौरान सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका सुनिश्चित बनाने को कहा। उपायुक्त ने उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा से सभी स्कूली विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित बनाने को भी निर्देशित किया। जिला एवं खंड स्तर पर अभियान के दौरान प्रभावी निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित बनाने को लेकर भी अपूर्व देवगन ने सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
उपायुक्त ने इस दौरान आयुष्मान भारत के तहत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम, स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर भी विस्तृत समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके उपरांत उपायुक्त ने 5 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का यू-विन पर पंजीकरण की समीक्षा करते हुए शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने यह निर्देश भी दिए की उक्त अभियान के दौरान जिला में कुपोषित और अति पोषित बच्चों के गहनता से स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक कदम उठाए जाएं।