31 मई तक एफआरए से जुड़ी पंचायत स्तर की बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश
सोलन
एफआरए पर मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम, 2006 एक ऐतिहासिक एवं प्रगतिशील कानून है, जिसका उद्देश्य उन लोगों को भूमि का मालिकाना हक देना है जो वर्षों से वन भूमि पर जीवन यापन कर रहे हैं। वह एक दिवसीय मंडल स्तरीय कार्यशाला एवं जन संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसका आयोजन जनजातीय विकास विभाग द्वारा किया गया।
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जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने की भागीदारी
कार्यशाला में विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार और कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शिमला, सोलन, सिरमौर तथा किन्नौर ज़िलों से पंचायती राज संस्थाओं, सरकारी अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
समितियों के गठन और प्रचार अभियान के निर्देश
जगत सिंह नेगी ने कहा कि एफआरए के तहत सभी पंचायतों में वन अधिकार समितियों का गठन अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समितियों को अधिनियम की जानकारी देने हेतु विशेष प्रचार अभियान और कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
तीन स्तरीय प्रक्रिया से मिलेगा भूमि पर हक
राजस्व मंत्री ने बताया कि एफआरए के अंतर्गत दावों की प्रक्रिया तीन स्तरों पर चलेगी। पहले ग्राम सभा दावों का सत्यापन कर उन्हें उपमंडल स्तरीय समिति को भेजेगी, फिर उपमंडल समिति ज़िला स्तरीय समिति को सत्यापित दावे प्रस्तुत करेगी। अंत में उपायुक्त की अध्यक्षता में ज़िला स्तरीय समिति दस्तावेज़ों की जांच कर वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करेगी।
दावों के लिए निर्धारित मापदंड स्पष्ट
कार्यशाला में बताया गया कि जो व्यक्ति 13 दिसंबर 2005 से पहले से लगातार तीन पीढ़ियों से वन भूमि पर खेती, निवास, पशुपालन या घास लेने जैसे कार्य कर रहा हो, वह निर्धारित फार्म पर आवेदन कर सकता है।
सरकारी प्रयासों की सराहना
गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार की इस पहल को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह कदम जन हित में है।
31 मई तक कार्य योजना पूर्ण करने के निर्देश
जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 31 मई 2025 तक एफआरए से संबंधित सभी बैठकों का आयोजन कर लिया जाए। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों व पंचायती राज प्रतिनिधियों के सवालों के उत्तर भी दिए।
विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर डॉ. यशवंत सिंह परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा, उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा, जनजातीय विकास विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. विक्रम सिंह नेगी व संयुक्त निदेशक कैलाश चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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