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गुरुद्वारा श्री टोका साहिब में गहराया राजनीतिक विवाद

प्रधान ने विधायक को बदनाम करने और गुरुद्वारा में अशांति फैलाने का दूसरे गुट पर लगाया आरोप

HNN/ नाहन

जिला सिरमौर के प्रमुख ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री टोका साहिब में राजनीतिक विवाद और गहरा गया है। मंगलवार को सरदार कर्मवीर सिंह का गुट मास्टर जनरल सिंह की अगुवाई में नाहन पहुंचा। करीब दो दर्जन गुट के सदस्यों के द्वारा एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। इस बाबत जानकारी देते हुए मास्टर जनरल सिंह ने गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के मौजूदा प्रधान पर भ्रष्टाचारी के गंभीर आरोप लगाए। यही नहीं उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के आरोपों के चलते 82 सदस्यों की कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उन्हें प्रधान पद से निलंबित भी कर दिया था।

उन्होंने कहा कि गंभीर आरोपों तथा सर्वसम्मति से निष्कासन प्रस्ताव बनाने के बावजूद महेंद्र सिंह प्रधान पद सहित गुरुद्वारा साहिब पर कब्जा करके बैठे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कमेटी के द्वारा निलंबित प्रधान महेंद्र सिंह को स्थानीय विधायक डॉ. राजीव बिंदल, पूर्व स्थानीय पंचायत प्रधान अंकुर राणा तथा प्रशासन का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले को निष्पक्ष रुप से जांच करवाने के लिए उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करी है। उन्होंने कहा कि सरदार महेंद्र सिंह धार्मिक संस्थान की आबो-हवा को संवेदनशील बनाने में तुले हुए हैं।

जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मास्टर जनरल सिंह ने यह भी कहा कि महेंद्र सिंह को 1 वर्ष के लिए प्रधान चुना गया था बावजूद इसके समय अवधि पूरे होने के बाद भी वे पद पर कब्जा करें बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधान पद पर रहते हुए उन्होंने खनन माफिया और वन माफियाओं को भी बड़ा संरक्षण दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन दोनों भ्रष्टाचार में संलिप्त महेंद्र सिंह को पूरा-पूरा संरक्षण भी दे रहे हैं। मास्टर जरनैल सिंह, कर्मवीर सिंह सहित डेपुटेशन में पहुंचे सदस्यों ने सरकार व प्रशासन से मांग करी है कि वह गुरुद्वारा साहब की तमाम व्यवस्थाओं को अपने कब्जे में ले।

उन्होंने कहा कि प्रशासन खुद निष्पक्ष रुप से गुरुद्वारा साहिब प्रबंधन कमेटी का चुनाव संपन्न करवाएं। तो वही गुरुद्वारा श्री टोका साहिब के प्रधान महेंद्र सिंह भी अपने दल बल के साथ एसडीएम नाहन के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मास्टर जरनैल सिंह के गुट पर गुरुद्वारा साहिब की आबो-हवा बिगाड़ने सहित धार्मिक संस्थान को राजनीतिक अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह भी कहा कि स्थानीय विधायक पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह सब बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि विधायक डॉ. राजीव बिंदल कभी गुरुद्वारा साहिब में आए ही नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि गुरुद्वारा साहिब के विवादों को लेकर उन्होंने अपना स्पष्टीकरण और पक्ष हमेशा प्रशासन के समक्ष ही रखा है। प्रधान सरदार महेंद्र सिंह ने मास्टर जरनैल सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मास्टर जरनैल सिंह के द्वारा उस दौरान फर्जी तरीके से चुनाव कराए गए जब सरकार के द्वारा तमाम धार्मिक संस्थान बंद करने के आदेश दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सुख भाग सिंह रेगुलेशन रजिस्टर और प्रोसीडिंग रजिस्टर गुरुद्वारा से चुरा कर ले गए थे, जिसमें उन्होंने फर्जी तरीके से सदस्यों की एंट्री कर प्रस्ताव तैयार किया था।

उन्होंने कहा कि यह सब वर्किंग कमेटी को बताया नहीं गया था। इस बाबत एसडीएम नाहन व डीसी को लिखित शिकायत भी दी गई थी। फर्जी तरीके से कराए गए चुनाव को लेकर रजिस्ट्रार पंजीयन शिमला में कंप्लेंट दर्ज की गई थी। मामला माननीय न्यायालय में 5 महीने तक चला था। उन्होंने बताया कि दिए गए डिसीजन में 82 मेंबर्स को फेक बता कर इस्तेमाल किए गए फार्म को भी फेक बताया गया था। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि गुरुद्वारा श्री टोका साहिब का विवाद माननीय न्यायालय सहित सचिव हिमाचल प्रदेश के पास भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि जो भी निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा दिया जाएगा वह स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन खुद इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष रुप से चुनाव प्रक्रिया को फिर से संपन्न करवाएं। उन्होंने सरकार से यह भी मांग करी है कि जिस प्रकार से जरनैल सिंह गुट के द्वारा गुरु घर की मर्यादा को भंग किया जा रहा है उसको लेकर मास्टर जरनैल सिंह और कर्मवीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

उधर, एसडीम नाहन रजनेश कुमार ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वहां पहले से ही पुलिस व्यवस्था की गई है। कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। सचिव कोर्पोरेशन और रजिस्टार कॉर्पोरेटिव सोसाइटिस के नियमानुसार ही आगामी चुनाव प्रक्रिया अपनाई जाएगी।


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