हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कोल डैम परियोजना से विस्थापित 38 लाभार्थियों के लिए नौतोड़ भूमि आबंटन की प्रक्रिया फिर से शुरू करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि सभी लाभार्थियों को व्यक्तिगत नोटिस भेजकर भूखंड आबंटन की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
शिमला
कोल डैम से बेघर हुए परिवारों को अब मात्र एक रुपए में मिलेगा भूखंड
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जनहित याचिका पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए तहसीलदार को यह निर्देश दिए कि वे प्रत्येक लाभार्थी को व्यक्तिगत नोटिस भेजें। साथ ही उन्हें सूचित किया जाए कि उन्हें नौतोड़ भूमि नियम, 1968 के अंतर्गत पहले 200 रुपए प्रति बीघा की दर से जो भूखंड मिलते थे, अब वे केवल एक रुपए प्रतीकात्मक राशि पर प्रदान किए जाएंगे।
38 विस्थापितों की सूची संलग्न, लेकिन नोटिस की प्रतियां रिकॉर्ड में नहीं
प्रतिवादियों की ओर से दाखिल जवाब में बताया गया कि 38 लाभार्थियों की पहचान की गई है और उन्हें पट्टा प्रदान करने हेतु अलग-अलग तिथियों पर नोटिस भी जारी किए गए हैं। लेकिन पांच फरवरी, 2025 को भेजे गए पत्र में यह सामने आया कि नोटिस की प्रतियां रिकार्ड में संलग्न नहीं हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी जोड़ा गया प्रक्रिया में
कोर्ट ने यह भी माना कि ये सभी लाभार्थी पिछड़े वर्ग से हैं और उन्हें विधिक सहायता की आवश्यकता है। इसलिए मंडी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा गया है, ताकि सभी प्रभावितों को कानूनी मदद मिल सके और लीज डीड रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द पूर्ण हो।
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