राज्य में अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए उद्योग विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। विशेष अभियानों और शिकायत निवारण तंत्र की बदौलत विभाग ने कई मामलों में जुर्माना वसूल कर दोषियों पर कार्रवाई की है।
शिमला
विशेष अभियान से सामने आए कई अवैध खनन के मामले
हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए उद्योग विभाग की भौमिकीय शाखा (जियोलॉजिकल विंग) लगातार सघन निरीक्षण और निगरानी अभियान चला रही है। निदेशक उद्योग डॉ. यूनुस ने बताया कि विभाग की टीमें पुलिस के सहयोग से नियमित रूप से खनन संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। अब तक इन अभियानों में कई अवैध खनन गतिविधियों को चिन्हित कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।
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शिकायत केंद्र से मिली जनता की भागीदारी को मजबूती
भ्राता सदन, कसुम्पटी स्थित भौमिकीय शाखा कार्यालय में एक विशेष शिकायत निवारण केंद्र स्थापित किया गया है, जिसमें नागरिक व्हाट्सएप, ईमेल और लैंडलाइन हेल्पलाइन के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। अब तक 350 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं, जिन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है।
जनता का बढ़ा विश्वास, पारदर्शिता बनी पहचान
डॉ. यूनुस ने बताया कि विभाग की पारदर्शी और जवाबदेह कार्यशैली से आम नागरिक अब अवैध खनन की सूचनाएं देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है, जिससे अवैध खनन की गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई जारी
अवैध खनन के दोषियों को न केवल भारी जुर्माना भरना पड़ा है बल्कि कई मामलों को अदालत में भी प्रस्तुत किया गया है। विभाग स्पष्ट कर चुका है कि अवैध खनन की कोई भी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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