HNN/ कुल्लू
भारत स्काउट्स एवं गाइड्स कर्नाटक 21 दिसंबर से 27 दिसंबर 2022 तक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक जम्बोरी का आयोजन कर रहा है। इसमें एशियाई देश जैसे फिलीपीन्स, श्रीलंका, नेपाल, मलेशिया, बांग्लादेश आदि लगभग 10 से 12 देशों के स्काउट्स भाग लेंगे। राजकीय महाविद्यालय कुल्लू के रोवर स्काउट लीडर एवं असिस्टेंट स्टेट ऑर्गेनाइजिंग कमिश्नर प्रो ज्योति चरण ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार की जम्बोरी की थीम मुख्यत संस्कृति पर केंद्रित है, इसलिए यह एशियाई देशों के युवाओं के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान कर रहा है।
जिसमे न केवल भारत की विविध संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी बल्कि अन्य देशों की संस्कृति से भी स्काउट्स रूबरू होंगे, वैश्विक भाईचारे को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रो. ज्योति चरण ने बताया कि कुल्लू कॉलेज के स्काउट्स कॉलेज के प्रिंसिपल तथा ग्रुप लीडर डॉ रोशन लाल के मार्गदर्शन में रोवर्स एवं रेंजर्स को इस अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक जम्बोरी के लिए तैयार किया जा रहा है और कुल्लू कॉलेज के यह स्काउट्स बाद में राज्य के अन्य स्काउट्स के साथ मिलकर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस सांस्कृतिक जम्बोरी में स्काउट्स सभी गतिविधियों में भाग लेंगे।
इस जम्बोरी का आरम्भ 21 दिसम्बर को पीजेंट शो के साथ होगा जिसमें, संपूर्ण हिमाचल की झलक प्रस्तुत करते हुए यहां के वेशभूषा, नृत्य एवं गायन, रहन सहन आदि को दिखाया जाएगा। इस जम्बोरी का खास आकर्षण कला प्रदर्शनी, पुस्तक प्रदर्शनी, विज्ञान प्रदर्शनी, कृषि प्रदर्शनी, पकवान प्रदर्शनी रहेगी, जिसमे स्काउट्स को न केवल अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि दूसरे देशों का ज्ञान भी मिलेगा। पुस्तक प्रदर्शनी के द्वारा स्काउट्स में पढ़ने की रुचि को बढ़ाया जाएगा तो विज्ञान प्रदर्शनी में वैज्ञानिक बौध का संस्कृति, तकनीक, समाज आदि के बीच के संबंधों को समझाया जाएगा।
इसमे खास कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था “इसरो” मुख्य आकर्षण होगी। साथ ही कृषि के वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक खेती के बारे में बताया जाएगा। चूंकि भारत के समाज मे संस्कृति का अनुपम योगदान है अतः परंपरागत खेलों को भी इसमें दिखाया जाएगा। 26 दिसंबर को इस जम्बोरी में लगभग 40,000 स्काउट्स के द्वारा योग एवं ध्यान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्काउट्स गतिविधियां जैसे मार्च पास्ट, बैंड पार्टी, कलर पार्टी आदि गतिविधियां भी समानांतर चलती रहेंगी और स्काउट्स आउट डोर गतिविधियों जैसे ज़िप लाइन, ऊंची रस्सी की चढ़ाई आदि में भी भाग लेते हुए किसी एक समुद्री ताल का भ्रमण भी करेंगे।