Himachalnow / रिकांगपिओ
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा , विशेषज्ञों की देखरेख में ग्रामीणों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
रक्छम में तीन दिवसीय हिम मूर्तिकला कार्यशाला का आयोजन
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जिला प्रशासन किन्नौर, भाषा एवं संस्कृति विभाग और विज्ञान विभाग के सहयोग से सांगला तहसील के रक्छम गांव में तीन दिवसीय हिम मूर्तिकला कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला 11 से 13 मार्च, 2025 तक चलेगी, जिसमें दिल्ली से आए विशेषज्ञों द्वारा स्थानीय प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब जिले में इस प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्थानीय युवाओं को बर्फ से मूर्तियां बनाने की कला में निपुण बनाना है, जिससे उन्हें रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली के विशेषज्ञ दे रहे प्रशिक्षण
इस कार्यशाला में दिल्ली के अनुभवी कलाकारों का एक दल प्रशिक्षण दे रहा है, जिसने वर्ल्ड आइस स्कल्पचर प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। अभ्युदय दल के सुनील कुसवाहा, रवि प्रकाश, रजनीश वर्मा और मुहम्मद सुल्तान आलम ने जिला के पांच स्थानीय दलों को बर्फ की मूर्तियां बनाने की तकनीकें सिखाईं।
कार्यशाला में महिला मंडल, युवक मंडल, होटल व्यवसाय से जुड़े स्थानीय युवा, आईटीबीपी के सदस्य और राजकीय महाविद्यालय के छात्र शामिल हैं।
कलात्मकता और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उपायुक्त डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला न केवल जिले के युवाओं को एक नई कला में दक्ष बनाएगी, बल्कि सर्दियों में किन्नौर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा कि बर्फ की मूर्तियां पर्यटकों को आकर्षित करेंगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ होगा।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, सहायक कमांडेंट आईटीबीपी जितेंद्र आलम बिहाल, सहायक अरण्यपाल वन करण कपूर, एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, तहसीलदार सांगला हरदयाल सिंह और रक्छम ग्राम पंचायत के प्रधान सुनील नेगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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