शिमला-मटौर फोरलेन निर्माण के दौरान बिलासपुर के विनायक घाट और ब्रह्मपुखर क्षेत्र में सैकड़ों साल पुराने पीपल और वट वृक्षों को बचाने का बड़ा निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि विकास कार्यों के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को किसी भी हाल में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
बिलासपुर
लोगों की आस्था का सम्मान
एसडीएम सदर डॉ. राजदीप सिंह ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, वन विभाग और गाबा कंपनी के अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं और धार्मिक आस्था को देखते हुए वृक्षों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
सुरक्षा के उपाय तय
उन्होंने बताया कि छोटे वृक्ष को सुरक्षित रूप से उखाड़कर अन्य स्थान पर रोपित किया जाएगा, जबकि पुराने और विशाल पीपल वृक्ष को संरक्षित रखने के लिए फ्लाईओवर उसके ऊपर से निकाला जाएगा। साथ ही वृक्ष की छंटाई भी की जाएगी ताकि निर्माण कार्य प्रभावित न हो और वृक्ष भी सुरक्षित रह सके।
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विकास और पर्यावरण साथ-साथ
डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर का भी संरक्षण किया जाए, ताकि लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे और क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान बनी रहे।
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