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हिमाचल के संवेदनशील वनों को बचाने के लिए केंद्र का अलर्ट और एक्शन प्लान तैयार

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संसद में काँगड़ा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज के प्रश्न पर केंद्र ने बताया कि हिमाचल समेत देशभर में बड़े स्तर की जंगल की आग को रोकने के लिए चेतावनी और राहत दल तैनात किए जाते हैं। इन उपायों से हिमाचल के संवेदनशील वन क्षेत्रों को भी समय रहते सुरक्षा मिलेगी।

शिमला

हिमाचल के जंगलों की सुरक्षा के लिए केंद्र के कदम
संसद में काँगड़ा लोकसभा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज के सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि मंत्रालय फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से राज्य सरकारों को बड़े स्तर की आग लगने की आशंका एक हफ्ते पहले और रियल टाइम पर चेतावनी देता है। इससे हिमाचल प्रदेश के संवेदनशील वनों में समय रहते कार्रवाई संभव हो पाती है।

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राष्ट्रीय स्तर पर गठित विशेष टीमें
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ के समन्वय से 150 सदस्यीय तीन विशेष दल गठित किए गए हैं, जिन्हें ज़रूरत पड़ने पर जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए तैनात किया जाता है।

वित्तीय मदद और तकनीकी निगरानी
उन्होंने बताया कि केंद्र प्रायोजित “कैम्पा” फंड के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आग की घटनाएं रोकने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। आग का पता लगाने के लिए “मॉडरेट रेज़लूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रो-रेडियोमीटर” और “सुआमी नेशनल पोलर ऑर्बिटिंग पार्टनरशिप विज़िबल इंफ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट” तकनीक का इस्तेमाल होता है।

नेशनल एक्शन प्लान के तहत कार्य
मंत्री ने कहा कि जंगलों की आग रोकने के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना लागू है, जिसके अंतर्गत सभी राज्य सरकारें अपने क्षेत्रों में विशेष कदम उठा रही हैं। हिमाचल प्रदेश भी इस योजना के तहत अपने वनों को आग से बचाने के प्रयास कर रहा है।

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