शिमला
फैसले को बताया सामाजिक तानेबाने के लिए खतरा, सरकार से किया पुनर्विचार का आग्रह
डीसी ऑफिस से सचिवालय तक पैदल मार्च, मुख्यमंत्री से 5 मई को होगी बैठक
इंटर कास्ट मैरिज के लिए प्रोत्साहन राशि को ₹60,000 से बढ़ाकर ₹2 लाख किए जाने के फैसले के खिलाफ देवभूमि संघर्ष समिति ने तीव्र विरोध दर्ज कराया। गुरुवार को समिति से जुड़े लोगों ने डीसी ऑफिस के बाहर हड़ताल शुरू की और उसके बाद सचिवालय का घेराव करने के लिए पैदल मार्च किया। लगभग पांच घंटे तक चला यह विरोध प्रदर्शन पुलिस की कड़ी निगरानी में शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
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सड़क पर बैठकर की नारेबाजी, पुलिस बल रहा तैनात
सदस्य सचिवालय के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मौके पर एडीएम ज्योति राणा और एसपी शिमला संजीव गांधी पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे।
सवर्ण आयोग बनाने की मांग, निर्णय को बताया पक्षपातपूर्ण
देवभूमि संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने इस फैसले को समाज के तानेबाने के खिलाफ बताते हुए सरकार से इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की। उन्होंने सवर्ण समाज के लिए अलग आयोग गठित करने की भी अपील की।
सीएम से 5 मई को बातचीत, हड़ताल स्थगित
लगभग पांच घंटे की हड़ताल और प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रुमित सिंह ठाकुर को वार्ता के लिए बुलाया। सरकार की ओर से पांच मई को बैठक निर्धारित की गई, जिसके बाद संघर्ष समिति ने फिलहाल के लिए अपना विरोध प्रदर्शन और हड़ताल स्थगित कर दी।
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