आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सभी के लिए अनिवार्य-उपायुक्त

HNN / सोलन

जिला निर्वाचन एवं उपायुक्त सोलन कृतिका कुलहरी ने राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों से आदर्श आचार संहिता की अनुपालना का आग्रह किया है। कृतिका कुलहरी ने कहा कि 30 अक्तूबर, 2021 को सोलन जिला के 50-अर्की निर्वाचन क्षेत्र के उप निर्वाचन के लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सभी के लिए आवश्यक है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी उम्मीदवार अथवा दल ऐसा कोई भी कार्य नहीं कर सकता जिससे विभिन्न जातियों, धार्मिक अथवा भाषायी समुदायों के मध्य तनाव उत्पन्न होता हो। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के अनुसार अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना केवल नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व रिकाॅर्ड एवं कार्यों तक सीमित होनी चाहिए। उम्मीदवार एवं दल अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के निजी जीवन की आलोचना नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जातिगत अथवा साम्प्रादायिक आधार पर मत प्राप्त करने की अपील नहीं की जा सकती। चुनाव प्रचार के लिए मंदिर, मस्ज़िद, गिरिजाघर अथवा अन्य किसी पूजा स्थल का उपयोग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों से अनुमति अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार किसी की निजी भूमि, भवन अथवा परिसर इत्यादि में भू-स्वामी की अनुमति के बिना निर्वाचन से सम्बन्धित झण्डे, बैनर, तथा नोटिस इत्यादि नहीं लगा सकता। बिना अनुमति के निजी सम्पत्ति पर नारे भी नहीं लिखे जा सकते। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राजनीति दल एवं उम्मीदवार प्रस्तावित सभा इत्यादि के विषय में स्थानीय पुलिस को अग्रिम सूचना प्रदान करना सुनिश्चित बनाएं ताकि यातायात व्यवस्था तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए उचित प्रबन्ध किए जा सकें।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर नाक से लेकर ठोडी तक ढकते हुए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करना और सेनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से सम्बन्धित निर्देशों की उल्लंघना पर आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के साथ-साथ केन्द्रीय गृह मन्त्रालय द्वारा जारी आदेशों के अनुरूप कार्रवाई की जा सकती है।


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